रयात बाहरा में एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग और इमर्जिंग मैटीरियल पर पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

21 फरवरी होशियारपुर- रयात बाहरा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, होशियारपुर के मैकेनिकल विभाग में एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग और इमर्जिंग मैटीरियल पर पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जो ज्ञान और नवाचार के महत्व का प्रतीक है।

21 फरवरी होशियारपुर- रयात बाहरा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, होशियारपुर के मैकेनिकल विभाग में एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग और इमर्जिंग मैटीरियल पर पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जो ज्ञान और नवाचार के महत्व का प्रतीक है।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल ने भाग लिया। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की और यह भी कहा कि ये प्रौद्योगिकियां निर्माण उद्योग को और अधिक उन्नत और पर्यावरण अनुकूल बना रही हैं। उन्होंने उद्योग और शिक्षा के सहयोग से नई प्रौद्योगिकियों के विकास पर जोर दिया।
इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक-प्राचार्य डॉ. गुरजीत सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग और इमर्जिंग मैटीरियल औद्योगिक क्रांति और सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी के उपयोग से उद्योगों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और लागत कम होगी।
कैंपस निदेशक डॉ. चंद्र मोहन ने एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उद्योगों को आधुनिक तकनीक अपनाकर उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार करना चाहिए। इस अवसर पर पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के अकादमिक डीन डॉ. विकास चावला, रयात बाहरा ग्रुप के निदेशक-गुणवत्ता शिक्षा डॉ. विजय कुमार बंगा और क्वांटम पेपर्स लिमिटेड के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट अजय शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए। 
सम्मेलन के दौरान तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जहां उद्योग और शैक्षणिक विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और अनुभव साझा किए। इन सत्रों में एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग, नई विनिर्माण तकनीक और टिकाऊ सामग्रियों पर चर्चा की गई। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख और सम्मेलन के आयोजक डॉ. गौरव पराशर ने कहा कि इस तरह के मंच उद्योग और शिक्षा जगत को करीब लाने और नई तकनीकों को समझने में मदद करते हैं।
 उन्होंने सभी शोधकर्ताओं, विद्वानों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और सम्मेलन को सफल बताया। इस अवसर पर परिसर के सभी निदेशक-प्राचार्य, विभाग प्रभारी और शिक्षक मौजूद थे।