डॉ. गंडा सिंह मेमोरियल लेक्चर: लाल शाहबाज कलंदर के संदर्भ में सूफी कविता पर चर्चा

पटियाला, 20 फरवरी- प्रख्यात इतिहासकार डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि सूफी कविता ने मनुष्य में उच्च मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे पंजाबी विश्वविद्यालय के इतिहास एवं पंजाब ऐतिहासिक अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित 'डॉ. गंडा सिंह मेमोरियल लेक्चर' के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

पटियाला, 20 फरवरी- प्रख्यात इतिहासकार डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि सूफी कविता ने मनुष्य में उच्च मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे पंजाबी विश्वविद्यालय के इतिहास एवं पंजाब ऐतिहासिक अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित 'डॉ. गंडा सिंह मेमोरियल लेक्चर' के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 
विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित इस व्याख्यान के दौरान बोलते हुए उन्होंने लाल शाहबाज कलंदर की रचनाओं के आधार पर तेरहवीं शताब्दी में सूफीवाद के विकास के बारे में विस्तार से बताया। प्रोफेसर सुरिंदर सिंह ने अपने व्याख्यान में तेरहवीं शताब्दी के जटिल आध्यात्मिक परिदृश्य की खोज की, जिसमें विशेष रूप से पंजाबी रहस्यवाद में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्ति लाल शाहबाज कलंदर के गहन योगदान पर ध्यान केंद्रित किया। 
उल्लेखनीय है कि शेख फरीद के समकालीन लाल शाहबाज कलंदर मुख्य रूप से मुल्तान के क्षेत्र में रहते थे, जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आदान-प्रदान का एक ऐतिहासिक केंद्र था। डॉ. सिंह ने कहा कि अपने जीवनकाल में उन्होंने कुल 42 ग़ज़लें लिखीं। उन्होंने कहा कि लाल शाहबाज कलंदर की ग़ज़लों का सार ईश्वर के सच्चे अस्तित्व के केंद्रीय विषय के इर्द-गिर्द घूमता है। प्रोफेसर सुरिंदर सिंह ने लाल शाहबाज कलंदर द्वारा अपनी रचनाओं में, विशेष रूप से कुरान की व्याख्या में अपनाए गए सूक्ष्म दृष्टिकोण पर जोर दिया।
 इतिहास और पंजाब ऐतिहासिक अध्ययन विभाग की प्रमुख डॉ. संदीप कौर ने ‘डॉ. गंडा सिंह मेमोरियल लेक्चर सीरीज’ पर अपने विचार व्यक्त किए और विषय का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि यह व्याख्यान श्रृंखला भविष्य में भी जारी रहेगी।