
नई सहस्राब्दि में औषधि खोज एवं विकास - 4 (डी3एनएम-4) उभरती हुई न्यूरोप्रोटेक्टिव रणनीतियों एवं न्यूरोफार्माकोलॉजिकल तकनीकों के साथ इंटरफेसिंग
19-20 फरवरी, 2025- फार्माकोलॉजी एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग, नाइपर एसएएस नगर 19-20 फरवरी, 2025 को उभरती हुई न्यूरोप्रोटेक्टिव रणनीतियों एवं न्यूरोफार्माकोलॉजिकल तकनीकों के साथ इंटरफेसिंग विषय पर नई सहस्राब्दि में औषधि खोज एवं विकास - 4 (डी3एनएम-4) कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा के संस्थानों/कॉलेजों से 70 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
19-20 फरवरी, 2025- फार्माकोलॉजी एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग, नाइपर एसएएस नगर 19-20 फरवरी, 2025 को उभरती हुई न्यूरोप्रोटेक्टिव रणनीतियों एवं न्यूरोफार्माकोलॉजिकल तकनीकों के साथ इंटरफेसिंग विषय पर नई सहस्राब्दि में औषधि खोज एवं विकास - 4 (डी3एनएम-4) कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इस कार्यशाला में पंजाब, हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा के संस्थानों/कॉलेजों से 70 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में विभागाध्यक्ष एवं डी3एनएम-4 के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम एस. शर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यशाला की उत्पत्ति के बारे में उन्हें जानकारी दी। उद्घाटन भाषण में, एनआईपीईआर एसएएस नगर के निदेशक प्रो दुलाल पांडा ने सीएनएस विकारों के लिए दवाओं की खोज की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रो अनिल गुलाटी, संस्थापक और सीईओ फार्माज़, इंक।
यूएसए ने "सेरेब्रल स्ट्रोक रोगियों के इलाज के लिए सोवाटेल्टाइड की खोज और विकास" पर मुख्य भाषण दिया, डॉ गुलाटी ने सोवाटेल्टाइड, एक एंडोथेलिन बी रिसेप्टर एगोनिस्ट और न्यूरल प्रोजेनिटर चिकित्सीय पर प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल अध्ययनों पर चर्चा की। निदेशक ने इस अवसर पर विभाग के संकाय को उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए सम्मानित भी किया।
आयोजन सचिव डॉ आशुतोष कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। वैज्ञानिक सत्र में, प्रसिद्ध वक्ताओं प्रो बिकाश मेधी, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़; प्रो रजत संधीर, पंजाब विश्वविद्यालय; कार्यशाला में हरग्रेव्स प्लांटर और तंत्रिका चालन वेग का प्रदर्शन भी किया गया।
