पशु चिकित्सकों और पशुपालकों को एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में किया गया जागरूक

लुधियाना 14 फरवरी 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के सेंटर फॉर वन हेल्थ द्वारा दो समानांतर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें से एक कृषि विज्ञान केंद्र, बरनाला में पशुधन किसानों के लिए आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा सेंटर फॉर वन हेल्थ में पशु चिकित्सकों के लिए आयोजित किया गया था। इसमें 40 किसानों और 20 पशु चिकित्सकों ने भाग लिया। किसानों को मुख्य रूप से बेहतर पशु स्वास्थ्य के लिए प्रशिक्षित किया गया।

लुधियाना 14 फरवरी 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के सेंटर फॉर वन हेल्थ द्वारा दो समानांतर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें से एक कृषि विज्ञान केंद्र, बरनाला में पशुधन किसानों के लिए आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा सेंटर फॉर वन हेल्थ में पशु चिकित्सकों के लिए आयोजित किया गया था। इसमें 40 किसानों और 20 पशु चिकित्सकों ने भाग लिया। किसानों को मुख्य रूप से बेहतर पशु स्वास्थ्य के लिए प्रशिक्षित किया गया।
  दूसरा प्रशिक्षण सेंटर फॉर वन हेल्थ में पशु चिकित्सकों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें एंटीबायोटिक प्रतिरोध के बारे में जागरूक किया गया। यह प्रशिक्षण एशियाई विकास बैंक, ज़ैनैक्स इंडिया और सतगुरु मैनेजमेंट कंसल्टेंसी, हैदराबाद के सहयोग से वन हेल्थ थीम को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था।
  डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने केंद्र की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे हम पशु स्वास्थ्य के बेहतर मानकों के लिए किसानों और वैज्ञानिकों दोनों को शिक्षित कर सकेंगे।
  डॉ स्वर्ण सिंह रंधावा, डीन, कालेज आफ वेटरनरी साइंस, डॉ. अनिल कुमार अरोड़ा, निदेशक अनुसंधान और डॉ. प्रहलाद सिंह तंवर  कृषि विज्ञान केंद्र, बरनाला के एसोसिएट डायरेक्टर ने इन प्रशिक्षणों के बुनियादी पहलुओं के बारे में बताया और इस क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा की।
  डॉ जसबीर सिंह बेदी, सेंटर फॉर वन हेल्थ के निदेशक एवं प्रशिक्षण समन्वयक  ने कहा कि किसानों और वैज्ञानिकों ने इन प्रशिक्षणों में बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और विषय के महत्व को गंभीरता से समझा। डॉ दीपाली, प्रशिक्षण की प्रशासनिक सचिव एवं  परियोजना के मुख्य निरीक्षक  ने पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियों, उनके प्रसार, प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण नीतियों के बारे में चर्चा की। वेटरनरी यूनिवर्सिटी, पीएयू और कृषि विज्ञान केंद्र, बरनाला के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों के साथ रोग नियंत्रण, टीकाकरण, एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग, फार्म की जैव सुरक्षा, स्वच्छ दूध उत्पादन, हरे चारे का अचार बनाने और लिंग समानता पर अपने विचार साझा किए।