*गांव गुराना का पवन बना प्रेरणा स्रोत – सफेद झींगा मछली पालन से कर रहा सालाना लाखों की कमाई*

हिसार:– हरियाणा के हिसार जिले के गांव गुराना के किसान पवन कुमार ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, सही जानकारी और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत बदल सकता है। पारंपरिक खेती से इतर पवन ने सफेद झींगा मछली पालन को अपनाकर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों और युवाओं के लिए भी एक मिसाल कायम की है।

हिसार:– हरियाणा के हिसार जिले के गांव गुराना के किसान पवन कुमार ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, सही जानकारी और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत बदल सकता है। पारंपरिक खेती से इतर पवन ने सफेद झींगा मछली पालन को अपनाकर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों और युवाओं के लिए भी एक मिसाल कायम की है।
*सरकार की योजना बनी सहारा*
प्रदेश सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजनाओं के अंतर्गत पवन कुमार को इस व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। खास बात यह है कि अनुसूचित जाति के लोगों तथा अन्य सभी जातियों की महिलाओं को सरकार की ओर से 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जिससे वे कम लागत में यह व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इनके अलावा अन्य लोग भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं उन्हें 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
पवन ने बताया कि एक हेक्टेयर जमीन पर सफेद झींगा पालन की शुरुआत की। शुरुआत में शंका जरूर थी, लेकिन सरकार द्वारा समय पर प्रशिक्षण, तकनीकी मार्गदर्शन और अनुदान ने आत्मविश्वास बढ़ाया। आज 30 एकड़ क्षेत्र में मत्स्य पालन कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि एक हेक्टर क्षेत्र पर मत्स्य पालन करने से 8 से 10 लाख रुपए की कमाई आसानी से हो जाती है।
*कम लागत, अधिक मुनाफा*
 पवन बताते हैं कि झींगा की बाजार में जबरदस्त मांग रहती है। खासकर दिल्ली की मछली मंडियों में माल हाथों-हाथ बिक जाता है। कई बार व्यापारी यहा आकर भी मछली खरीद कर ले जाते हैं जिससे विपणन को लेकर कोई समस्या नहीं होती। आज पवन एक हेक्टेयर क्षेत्र से सालाना लगभग 10 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं।
पवन का कहना है कि झींगा पालन की शुरुआत करना बेहद आसान है। विभागीय अधिकारी सहयोग करते हैं और समय-समय पर तकनीकी जानकारियाँ, बीज, चारा एवं अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाती हैं। प्रशिक्षण शिविरों में मत्स्य पालकों को वैज्ञानिक पद्धतियों से मछली पालन सिखाया जाता है।
जिला मत्स्य अधिकारी भीम सिंह बेनीवाल तथा हांसी के मत्स्य अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं लागू की है। लोगों को इन योजनाओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। इसमें विभाग द्वारा हर प्रकार की मदद उपलब्ध करवाई जा रही है।