
पेक चंडीगढ़ में ""चैलेंजेज एंड इनोवेशन्स फॉर सस्टेनेबल स्मार्ट सिटीज़" (CISSC 2025) अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक हुआ आयोजित
चंडीगढ़: 11 फरवरी, 2025 :- एएससीई इंडिया सेक्शन नॉर्दर्न रीजन (ASCE IS NR) ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) के सहयोग से "चैलेंजेज एंड इनोवेशन्स फॉर सस्टेनेबल स्मार्ट सिटीज़ (CISSC 2025)" अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन नोवोटेल होटल, चंडीगढ़ में आयोजित हुआ, जिसमें वैश्विक विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और पॉलिसीमेकर्स ने सतत शहरी विकास के लिए नए विचारों और समाधानों का आदान-प्रदान किया। इस सम्मेलन में आईआईटी, एनआईटी और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों सहित प्रतिष्ठित संस्थानों से 250 से अधिक विशिष्ट प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बीबीएमबी इस आयोजन का सहयोगी प्रायोजक था, साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया, आईआईटी रोपड़ - अवध, आईएसआरएस, एबीसीडी लिमिटेड और कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने भी सहभागिता की।
चंडीगढ़: 11 फरवरी, 2025 :- एएससीई इंडिया सेक्शन नॉर्दर्न रीजन (ASCE IS NR) ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) के सहयोग से "चैलेंजेज एंड इनोवेशन्स फॉर सस्टेनेबल स्मार्ट सिटीज़ (CISSC 2025)" अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन नोवोटेल होटल, चंडीगढ़ में आयोजित हुआ, जिसमें वैश्विक विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और पॉलिसीमेकर्स ने सतत शहरी विकास के लिए नए विचारों और समाधानों का आदान-प्रदान किया। इस सम्मेलन में आईआईटी, एनआईटी और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों सहित प्रतिष्ठित संस्थानों से 250 से अधिक विशिष्ट प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बीबीएमबी इस आयोजन का सहयोगी प्रायोजक था, साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया, आईआईटी रोपड़ - अवध, आईएसआरएस, एबीसीडी लिमिटेड और कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने भी सहभागिता की।
पहला दिन: उद्घाटन समारोह, बुक रिलीज़, तकनीकी सत्र और पीईसी कैंपस विज़िट
सम्मेलन की शुरुआत एक भव्य उद्घाटन सत्र से हुई, जिसमें कई प्रमुख हस्तियों ने उपस्थिति दर्ज कराई। सम्मेलन के पैट्रन और पीईसी के निदेशक प्रो. राजेश के. भाटिया ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंप्यूटर साइंस (CS) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, जो सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) के डायरेक्टर जनरल श्री अमित प्रोथी ने भाग लिया और "संकट-रोधी शहरों" के निर्माण पर मुख्य भाषण दिया।
इस अवसर पर "बुक ऑफ एब्स्ट्रैक्ट्स" का विमोचन किया गया, जिसमें सम्मेलन में प्रस्तुत शोध कार्यों को संकलित किया गया था। उद्घाटन सत्र का एक प्रमुख आकर्षण विशेष सम्मान पुरस्कार समारोह था, जिसमें तीन विशिष्ट व्यक्तियों को उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया गया:
डॉ. जी. एल. शिवकुमार बाब (भू-तकनीकी इंजीनियरिंग और शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए),
इंजीनियर एस. के. विज (इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और परियोजना प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान के लिए),
स्वर्गीय श्री जी. जे. एस. रोशा (इंजीनियरिंग और शिक्षा के क्षेत्र में जीवनपर्यंत योगदान के लिए)
सम्मेलन के अन्य प्रमुख वक्ताओं में डॉ. के. एन. गुणालन (वरिष्ठ परियोजना निदेशक, यू.एस.ए) और इंजीनियर फेनीओस्की ए. पेना मोरा (अध्यक्ष, ए एस सी इ, मुख्यालय) शामिल थे, जिन्होंने स्मार्ट सिटी विकास पर वैश्विक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।
तकनीकी सत्रों में स्मार्ट कंस्ट्रक्शन, अर्बन मोबिलिटी, और वॉटर एंड वॉटरवेस्ट मैनेजमेंट के लिए भू-स्थानिक तकनीकों पर गहन चर्चा हुई।
शोधकर्ताओं ने प्रमुख शहरी चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत किए। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख और सी आई एस एस सी 2025 के सह-संरक्षक प्रो. एस. के. सिंह ने सतत शहरी विकास के लिए भारत सरकार की नवीन नीतियों पर प्रकाश डाला।
दिन के अंत में, प्रतिनिधियों ने पीईसी परिसर का भ्रमण किया और वहां के समृद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया, जो पीईसी के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए थे।
दूसरा दिन: तकनीकी चर्चाएं और सुखना झील एवं एलांते मॉल विज़िट
दूसरे दिन के सत्रों में अग्रणी विशेषज्ञों और उद्योग पेशेवरों द्वारा तकनीकी प्रस्तुतियां दी गईं। सर्वे ऑफ इंडिया के डिप्टी सर्वेयर जनरल श्री प्रदीप सिंह ने "शहरी नियोजन में एआई, भू-स्थानिक विज्ञान और कंप्यूटर साइंस की परिवर्तनकारी भूमिका" पर विस्तृत चर्चा की।
दिनभर चलने वाले आठ तकनीकी सत्रों में आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन, स्मार्ट और सतत शहर, और नवीन इंजीनियरिंग प्रथाओं पर चर्चाएं हुईं।
स्नातक शोधकर्ताओं के लिए एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उत्कृष्ट परियोजनाओं को मान्यता दी गई:
प्रथम पुरस्कार: भूमन पंडिता और टीम (बिट्स पिलानी)
द्वितीय पुरस्कार: निदा सादिक और टीम (कश्मीर विश्वविद्यालय)
तृतीय पुरस्कार: तनिष जैन और टीम (बिट्स पिलानी)
इसके बाद, प्रतिनिधियों को चंडीगढ़ की सुखना झील और एलांते मॉल का भ्रमण कराया गया, जिससे उन्हें प्राकृतिक सुंदरता और शहरी विकास का समावेशी अनुभव प्राप्त हुआ।
तीसरा दिन: प्लेनरी सत्र, टेक्निकल डिस्कशन और समापन समारोह
तीसरे दिन की शुरुआत यूनिवर्सिटी ऑफ विक्टोरिया, कनाडा के प्रो. फालगुनी मुखोपाध्याय के एक प्रेरणादायक प्लेनरी सत्र से हुई, जिसमें उन्होंने स्मार्ट शहरी विकास में नवीन इंजीनियरिंग प्रथाओं और उन्नत तकनीकों के ऍप्लिकेशन्स पर चर्चा की। इसके बाद, तकनीकी चर्चाओं का सिलसिला जारी रहा, जिसमें स्मार्ट शहरों की उभरती प्रवृत्तियों और नवीन इंजीनियरिंग समाधानों पर विचार-विमर्श हुआ।
सम्मेलन का समापन एक वैज्ञानिक समापन सत्र के साथ हुआ, जहां प्रमुख निष्कर्षों की समीक्षा की गई और सतत स्मार्ट शहरों के भविष्य की दिशा निर्धारित की गई।
सम्मेलन के सह-संरक्षक प्रो. एस. के. सिंह ने आयोजन की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसमें 19 तकनीकी सत्रों में 300 से अधिक शोध प्रस्तुतियां शामिल रहीं।
मुख्य अतिथि श्री राजन दत्त, आयुक्त, जीएसटी, पंचकूला ज़ोन ने शहरी विकास में नीतिगत हस्तक्षेपों और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व पर बल दिया।
ए एस सी इ की अध्यक्ष-निर्वाचित इंजीनियर मार्शा एंडरसन बोमर ने शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया, जबकि ए एस सी इ रीजन 10 की निदेशक इंजीनियर अप्रैल लैंडर ने वैश्विक स्मार्ट सिटी विकास प्रवृत्तियों पर चर्चा की।
प्रतिनिधियों ने सम्मेलन की उत्कृष्ट आतिथ्य व्यवस्था, बौद्धिक रूप से समृद्ध तकनीकी सत्रों, और नेटवर्किंग अवसरों की सराहना की।
यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन के एक प्रतिनिधि ने सी आई एस एस सी 2025 को "भारत में आयोजित सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में से एक" करार देते हुए, इसके सुव्यवस्थित सत्रों और उत्कृष्ट प्रबंधन की प्रशंसा की।
प्रतिनिधियों ने प्रो. संधू, प्रो. अर्शदीप सिंह, और छात्रों की टीम - वंशिका, आयुषी, रजत, शुभम, पवन, महक, अक्षय, ऋषांत और पलक के समर्थन की सराहना की।
अंत में, डॉ. हर अमृत सिंह संधू (अध्यक्ष, एएससीई इंडिया सेक्शन नॉर्दर्न रीजन और आयोजन समिति के चेयरमैन) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और पुरस्कार समारोह के साथ सम्मेलन का समापन हुआ।
