राष्ट्रीय महिला आयोग जेलों में महिलाओं की जीवन स्थितियों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध: मनमोहन शर्मा

पटियाला, 5 फरवरी- राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली ने राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लिए ‘जेलों में बंद महिलाओं से संबंधित कानून’ पर कानूनी सलाह कार्यक्रम आयोजित किया।

पटियाला, 5 फरवरी- राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली ने राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लिए ‘जेलों में बंद महिलाओं से संबंधित कानून’ पर कानूनी सलाह कार्यक्रम आयोजित किया। 
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए राष्ट्रीय महिला आयोग के विधि अधिकारी डॉ. मनमोहन शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग देश की जेलों में बंद महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे रिहा हो सकें और सम्मान के साथ समाज की मुख्यधारा में प्रवेश कर सकें। 
उन्होंने कहा कि इसी कारण से आयोग ने शोध, शैक्षणिक और कानूनी सुधारों के क्षेत्र में ‘संस्थागत सहयोग’ के लिए ऐसे कार्यक्रम तैयार किए हैं, जिनसे विभिन्न राज्यों में महिला कैदियों से संबंधित कानूनों में भारी और बहुत ही व्यावहारिक सुधार हो सकते हैं। उद्घाटन समारोह में विधि परामर्श कार्यक्रम की संयोजक डॉ. जसलीन केवलानी द्वारा संपादित पुस्तक "टेक्नोलॉजी, मीडिया एंड 'यूथ': एक्सप्लोरिंग द कॉन्टेक्स्ट ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड ग्रोथ" का भी विमोचन किया गया। 
डॉ. जसलीन केवलानी ने कहा कि यह आयोजन ऐतिहासिक साबित हुआ है, क्योंकि इसमें जेलों में बंद महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर जीवंत चर्चा हुई है, जिससे मौजूदा कानूनों और नीति निर्माण तथा परिचालन संशोधनों में प्रभावी सुधार हो सकेंगे। राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक प्रो. नरेश वत्स ने भी सभा को संबोधित किया।