
माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों की याद में गुरुद्वारा सिंह शहीदां सोहाना से श्री फतेहगढ़ साहिब तक विशाल नगर कीर्तन निकाला गया।
एसएएस नगर, 28 दिसंबर- माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों की मधुर स्मृति में निकटवर्ती गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीद से गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब तक विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। यह विशाल नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पंज प्यारों की अगुवाई में गुरुद्वारा साहिब से शुरू हुआ। नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप को फूलों से बहुत अच्छे से सजाई पालकी साहिब में विराजमान किया गया। नगर कीर्तन में सेना के बैंड और विभिन्न बैंड शहीदों को श्रद्धा के फूल अर्पित करते हुए संगीत बजा रहे थे।
एसएएस नगर, 28 दिसंबर- माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादों की मधुर स्मृति में निकटवर्ती गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीद से गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब तक विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। यह विशाल नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया और पंज प्यारों की अगुवाई में गुरुद्वारा साहिब से शुरू हुआ।
नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप को फूलों से बहुत अच्छे से सजाई पालकी साहिब में विराजमान किया गया। नगर कीर्तन में सेना के बैंड और विभिन्न बैंड शहीदों को श्रद्धा के फूल अर्पित करते हुए संगीत बजा रहे थे।
इस अवसर पर गतका पार्टियों द्वारा गतका के जौहर दिखाए गए। नगर कीर्तन का क्षेत्रवासियों ने स्वागत किया। इस दौरान रागी, ढाडी और कीर्तनी जत्थों ने सिख इतिहास और साहिबजादों के बलिदान की कहानियां गाकर श्रद्धालुओं को गुरु से जोड़ने का प्रयास किया।
रास्ते में, भक्तों को ब्रेड पकौड़े, बिस्कुट, दूध और कराह प्रसाद का अटूट लंगर परोसा गया। इस विशाल नगर कीर्तन में स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, ट्रैक्टर, बस आदि में शामिल होकर श्रद्धालुओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
गुरुद्वारा सिंह शहीदां सोहाना के प्रवक्ता ने बताया कि ब्रह्मलीन ब्रह्मज्ञानी ज्ञानी संत बाबा अजीत सिंह हंसाली की प्रेरणा से शहीदों को श्रद्धा के फूल अर्पित करने के लिए हर साल यह विशाल नगर कीर्तन आयोजित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाबा मोती राम मेहरा एवं दीवान टोडर मॉल की स्मृति में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें श्री दरबार साहिब अमृतसर के रागी जत्थों व उच्च कोटि के ढाडी, कवि, संत व विद्वान हरिजस सुना कर श्रद्धालुओं को निहाल करेंगे। गुरु का अटूट लंगर बरताया जाएगा।
