पुस्तक गोष्ठी एवं कवि दरबार का आयोजन

नवांशहर 25 नवंबर: दोआबा साहित्य सभा नवांशहर द्वारा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल करिहा के सहयोग से उसी स्कूल में पुस्तक मेला एवं कवि दरबार का आयोजन किया गया। पहले सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात जुझारू कवि दर्शन सिंह खटकड़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व डीन डॉ. राजिंदरपाल सिंह बराड़, डॉ. कुलदीप सिंह दीप, पंजाबी ट्रिब्यून के सहायक संपादक जसवीर समर, कथावाचक गुरुमीत कडियालवी, भारतीय रक्षा समिति कनाडा के अध्यक्ष इकबाल सिंह पुरेवाल और प्रिंसिपल रणजीत कौर मौजूद रहे।

नवांशहर 25 नवंबर: दोआबा साहित्य सभा नवांशहर द्वारा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल करिहा के सहयोग से उसी स्कूल में पुस्तक मेला एवं कवि दरबार का आयोजन किया गया। पहले सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात जुझारू कवि दर्शन सिंह खटकड़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व डीन डॉ. राजिंदरपाल सिंह बराड़, डॉ. कुलदीप सिंह दीप, पंजाबी ट्रिब्यून के सहायक संपादक जसवीर समर, कथावाचक गुरुमीत कडियालवी, भारतीय रक्षा समिति कनाडा के अध्यक्ष इकबाल सिंह पुरेवाल और प्रिंसिपल रणजीत कौर मौजूद रहे।
 प्राचार्य रंजीत कौर ने स्वागत भाषण दिया. प्रसिद्ध कथाकार अजमेर सिंह सिद्धू ने लेखिका परमिंदर कौर स्वैच और विद्वानों के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डाला। डॉ. कुलदीप सिंह दीप ने परमिंदर कौर स्वैच के कविता संग्रह 'जर्द रंगन दा मौसम' पर एक पुस्तिका पढ़ते हुए कहा कि परमिंदर की कविता वंचितों और क्रांतिकारियों पर केंद्रित है। वह लोगों के दर्द को चित्रित करती है और गरीबों पर हो रहे अत्याचार को उजागर करती है।
 डॉ. चरणजीत कौर, जसवीर समर और गुरमीत कडियालवी ने बहस में भाग लेते हुए बहुमूल्य टिप्पणियाँ कीं। डॉ. राजिंदरपाल सिंह बराड़ ने बहस का समापन करते हुए कहा कि स्वैच की कविता वैश्विक स्तर पर हुए अन्याय के खिलाफ एक राजनीतिक विमर्श खड़ा करती है। अध्यक्षता करते हुए दर्शन सिंह खटकड़ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय पंजाबी लेखक विश्व की घटनाओं को कविता में प्रस्तुत करते थे, आज ऐसी बात नहीं है। उन्होंने स्वैच की फ़िलिस्तीन समर्थक कविता का हवाला देते हुए कवि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि परमिंदर की कविता साम्राज्य, पूंजीवाद और कॉरपोरेट से संबंधित है। इस सत्र का संचालन डॉ. केवल राम ने किया।
 कवि दरबार के साथ दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. चरणजीत कौर, सिमरनजीत सिम्मी, रंजीत कौर, परमजीत कौर, नरिंदरजीत कौर खटकड़, कमलेश कौर और रजनी शर्मा ने की। कवि दरबार में दर्शन सिंह खटकड़, जसवंत खटकड़, कुलविंदर कुल्ला, परमजीत करियाम रजनी शर्मा, बलवीर कुमार, धरमिंदर मसानी, रणजीत कौर, लाज कुमारी, अलीशा और राज रानी ने बहुत सुंदर कविताएँ सुनाईं। इस सत्र का संचालन डॉ. कुलविंदर कुल्ला ने किया।
इस अवसर पर सभा द्वारा क्रांतिकारी वीरांगना एवं मां पत्रिका की संपादक केवल कौर की याद में परमिंदर कौर स्वैच को केवल कौर मेमोरियल अवार्ड दिया गया। कुलविंदर सिंह वड़ैच, जसबीर दीप, हरी राम रसूलपुरी, बलवीर सिंह सनावा, सतनाम चहल, हरकिंदर मूसापुर, मनदीप मूसापुर, गगन जोशी, दीपक गुनाचौर, हरप्रीत कौर, सारा सिद्धू, नवराज सिंह सिद्धू, कुलदीप सिंह बोपाराय, बूटा सिंह महमूदपुर मौजूद रहे। यह आयोजन, अजय कुमार चाहमजारा, शंकर दास, दीदार सिंह शेत्रा, मलकियत सिंह स्वैच, विनय शर्मा, सुरेश कुमार चौहान, अनुराधा करिहा, तरसेम बैंस, अवतार सिंह तारी, सोहन सिंह अटवाल सहित सौ से अधिक साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।