अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने गुरदासपुर जिले में चाइना डोर की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया

गुरदासपुर, 18 दिसंबर- अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गुरदासपुर श्री हरजिंदर सिंह आईएएस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 163 और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए गुरदासपुर जिले की सीमा के भीतर चाइना डोर (सिंथेटिक डोर) के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, खरीद, आपूर्ति, परिवहन, आयात और ऐसी डोर से पतंग उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पतंग केवल सूती धागे से ही उड़ाई जा सकती है, जिस पर किसी भी प्रकार का नुकीला, धातु, कांच का घटक, चिपकने वाला आदि न हो।

गुरदासपुर, 18 दिसंबर- अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गुरदासपुर श्री हरजिंदर सिंह आईएएस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 163 और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए गुरदासपुर जिले की सीमा के भीतर चाइना डोर (सिंथेटिक डोर) के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, खरीद, आपूर्ति, परिवहन, आयात और ऐसी डोर से पतंग उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पतंग केवल सूती धागे से ही उड़ाई जा सकती है, जिस पर किसी भी प्रकार का नुकीला, धातु, कांच का घटक, चिपकने वाला आदि न हो।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्री हरजिंदर सिंह आईएएस ने कहा कि सिंथेटिक/प्लास्टिक डोर बहुत मजबूत होती है, न तो सड़ती है और न ही टूटती है। जब इस सिंथेटिक/प्लास्टिक डोर का उपयोग पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है, तो यह मानव जीवन के लिए बहुत खतरनाक होती है। इस डोर से साइकिल, स्कूटर और मोटरसाइकिल सवारों के गले और कान कट जाते हैं, साथ ही उड़ते पक्षियों के फंसकर मरने की भी कई घटनाएं होती हैं। इस प्रकार यह राहगीरों और पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होती है, इसलिए इस डोर पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये निषेधाज्ञा 18 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगी।