रक्तदान कर किसी की जान बचाना मानवता का सबसे बड़ा धर्म है - डॉ. स्वाति

होशियारपुर - स्वास्थ्य विभाग पंजाब और सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ​​के दिशा निर्देशों के अनुसार वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी प्रभारी सिविल अस्पताल डॉ. स्वाति के कुशल नेतृत्व में आज जिला अस्पताल में स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया गया। इस मौके पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर डॉ. गुरिका, लैब टेक्नीशियन हरजीत सिंह, लैब टेक्नीशियन संदीप सिंह, श्रीमती हरजीत देवी, कमलप्रीत कौर और करण मौजूद रहे।

होशियारपुर - स्वास्थ्य विभाग पंजाब और सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ​​के दिशा निर्देशों के अनुसार वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी प्रभारी सिविल अस्पताल डॉ. स्वाति के कुशल नेतृत्व में आज जिला अस्पताल में स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया गया। इस मौके पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर डॉ. गुरिका, लैब टेक्नीशियन हरजीत सिंह, लैब टेक्नीशियन संदीप सिंह, श्रीमती हरजीत देवी, कमलप्रीत कौर और करण मौजूद रहे।
 आज रक्तदान शिविर में रक्तदाताओं द्वारा दान किया गया 15 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इस अवसर पर डॉ. स्वाति ने रक्तदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि 1 अक्टूबर को स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य रक्तदाताओं को स्वेच्छा से एवं नियमित रूप से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने रक्तदान का महत्व बताते हुए कहा कि रक्तदान महादान है। आपातकालीन सर्जरी, थैलेसीमिया जैसे रक्त रोगों, रक्त कैंसर और सड़क दुर्घटना पीड़ितों और आघात के मामलों के लिए रक्त की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि समय पर रक्त उपलब्ध होने से कई अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। किसी की जान बचाना मानवता के प्रति मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है। दुनिया में किसी को भी कभी भी रक्त की आवश्यकता पड़ सकती है। रक्तदान अपने आप में अनोखा दान होने के कारण एकजुटता का संदेश देता है। खून की एक बूंद इतनी कीमती है कि वह किसी भी मरते हुए इंसान को जीवनदान दे सकती है। उन्होंने अधिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि रक्तदान करने से सिर्फ एक मरीज को नहीं बल्कि 3 मरीजों को फायदा होता है क्योंकि रक्त के चार घटक प्लाज्मा, आरबीसी प्लेटलेट्स के रूप में और हीमोफिलिया के रोगियों में थक्के बनाने वाले कारकों के रूप में उपयोगी होते हैं।
उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती बल्कि मन को संतुष्टि मिलती है कि हमने रक्तदान कर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को जीवनदान दिया है। कोई भी व्यक्ति 17 वर्ष की आयु से 66 वर्ष की आयु तक रक्तदान कर सकता है। उन्होंने रक्तदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि आप भविष्य में भी मानवता की सेवा के लिए इसी तरह अपना सहयोग देते रहेंगे ताकि समय रहते अनमोल जिंदगियों को बचाया जा सके।