
सितंबर की घटनाओं को चिह्नित करने वाली प्रमुख सामुदायिक और स्वास्थ्य पहल
यूटी चंडीगढ़, 07 सितंबर 2024:- समाज कल्याण और स्वास्थ्य सेवा विभाग ने चंडीगढ़ में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रभावशाली कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है। प्रमुख कार्यक्रम:
यूटी चंडीगढ़, 07 सितंबर 2024:- समाज कल्याण और स्वास्थ्य सेवा विभाग ने चंडीगढ़ में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रभावशाली कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया है। प्रमुख कार्यक्रम:
1. दरिया में समुदाय-आधारित "गोदभराई" कार्यक्रम: दरिया में पारंपरिक "गोदभराई" समारोह आयोजित किया गया, जो गर्भवती माताओं के सम्मान और उत्सव का एक महत्वपूर्ण अवसर है, खासकर उन माताओं के लिए जो अपने तीसरे तिमाही में प्रवेश कर चुकी हैं। इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ियों में नामांकित गर्भवती महिलाओं ने भाग लिया। उन्हें पौष्टिक थालियां प्रदान की गईं, जिनमें हरी पत्तेदार सब्जियों सहित स्वस्थ आहार के महत्व को दर्शाने वाले खाद्य पदार्थ शामिल थे।
2. मलोया में पहले 1000 दिनों पर व्याख्यान: मलोया में "पहले 1000 दिनों" पर एक विस्तृत व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें गर्भावस्था की योजना से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक की महत्वपूर्ण अवधि को शामिल किया गया। इस सत्र में प्रारंभिक पोषण और देखभाल की महत्ता पर जोर दिया गया, जो बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
3. सर्कल 52 में स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा: सर्कल 52 के आंगनवाड़ी केंद्र में "स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा" आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य आंगनवाड़ी केंद्रों में नामांकित बच्चों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाना था। प्रतिभागियों ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया और स्वास्थ्य तथा विकास के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक बच्चे को उपहार दिए गए।
4. 450 आंगनवाड़ी केंद्रों में शैक्षिक गतिविधियां: 450 आंगनवाड़ी केंद्रों में विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें समग्र पोषण और पूरक आहार की आवश्यकता, एनीमिया की रोकथाम, स्वस्थ आहार का महत्व, रसोई बागवानी, व्यक्तिगत स्वच्छता, जन्म की तैयारी, भोजन सुदृढ़ीकरण, सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जागरूकता, और हर्बल पौधों की भूमिका शामिल थीं। इन गतिविधियों का उद्देश्य आईसीडीएस के तहत नामांकित बच्चों की भलाई और विकास की निगरानी करना था।
5. आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा गृह दौरा: सभी 450 आंगनवाड़ी केंद्रों ने नई गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की माताओं की सहायता के लिए गृह दौरे किए। इन दौरों का मुख्य उद्देश्य पूरक स्तनपान प्रथाओं को बढ़ावा देना और बच्चे के पालन-पोषण के महत्वपूर्ण प्रारंभिक चरणों में आवश्यक मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना था।
ये पहल सामुदायिक सहभागिता, शिक्षा और प्रत्यक्ष सहायता के माध्यम से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए चल रही प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। विभाग चंडीगढ़ के सभी निवासियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
