
बीर सिंह ने अपनी शानदार गायकी से सभी वर्ग के दर्शकों का दिल जीत लिया
पटियाला, 20 फरवरी- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित कार्यक्रमों की श्रृंखला के दूसरे दिन भाषा विभाग पंजाब द्वारा पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में सूफी गायक बीर सिंह के गायन का आयोजन किया गया। डायरेक्टर भाषा विभाग पंजाब जसवंत सिंह जफर के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बीर सिंह ने उच्च कोटि की पंजाबी कविता के गायन से बड़ी संख्या में दर्शकों का मनोरंजन किया।
पटियाला, 20 फरवरी- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित कार्यक्रमों की श्रृंखला के दूसरे दिन भाषा विभाग पंजाब द्वारा पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में सूफी गायक बीर सिंह के गायन का आयोजन किया गया। डायरेक्टर भाषा विभाग पंजाब जसवंत सिंह जफर के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बीर सिंह ने उच्च कोटि की पंजाबी कविता के गायन से बड़ी संख्या में दर्शकों का मनोरंजन किया।
जसवंत सिंह जफर ने कहा कि हमें किसी भी कला के रूप में प्रस्तुत विषयों का विरोध करने में समय बर्बाद करने के बजाय सांस्कृतिक दायरे में प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसी के तहत भाषा विभाग द्वारा समय की मांग के अनुसार नई पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण गायन से जोड़ने के लिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत आज का कार्यक्रम पंजाबी यूनिवर्सिटी के पंजाबी विभाग की साहित्य सभा के सहयोग से आयोजित किया गया है।
उन्होंने कहा कि भाषा विभाग गुणवत्तापूर्ण साहित्य व कला की अन्य विधाओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। उन्होंने युवा पीढ़ी से अच्छा पढ़ने, सुनने, लिखने व बोलने की अपील की। गायक बीर सिंह ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत अपने लोकप्रिय गीत 'तू क्यों उड़ जाणै वे मोरां' व 'अज्ज-कल्ह' से की। इसके बाद उन्होंने युवा दर्शकों की फरमाइश पर 'मेरा तेरे विख ख्याल जिहा रद्दा ऐ', 'झांझरां दा जोड़ा', 'शाम सुनेहरी ते अलविदा ख्याल दा पर एह रिया नहीं कोई' व 'चिहरा आड़ी तेरा सब भुला दिता ऐ' गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस दौरान बीर सिंह ने गुरु नानक देव जी के बारे में अपनी रचना 'नानक दा पूत हां तेरां तेरां तोलं गा' से माहौल बदल दिया। अंत में बीर सिंह ने 'तेरे नाल वे ढोलना', 'जुगनी' व 'घोड़ी' गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। भाषा विभाग की ओर से बीर सिंह को पुस्तकों का सेट व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। भाषा विभाग के सहायक निदेशक अमरिंदर सिंह ने सभी का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर पंजाबी विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग के प्रमुख डॉ. गुरमुख सिंह, पूर्व डीन डॉ. राजिंदरपाल सिंह बराड़, डॉ. गुरसेवक सिंह लंबी, डॉ. राजवंत पंजाबी, भाषा विभाग के शोध अधिकारी डॉ. सुखदर्शन सिंह चाहल, जिला भाषा अधिकारी डॉ. मनजिंदर सिंह, अधीक्षक स्वर्ण कौर, शोध सहायक हरप्रीत सिंह और सिमरनजीत सिंह भी मौजूद थे।
