
राजनीतिक दल महिलाओं की भावनाओं से खेलना बंद करें-नई सोच
होशियारपुर - नवी सोच वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष अश्वनी गैंद व पूर्व पार्षद सुरेश भाटिया (बिट्टू) ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान महिलाओं को पैसे देकर लुभाना बंद करें। उन्होंने कहा कि भारत परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध देश है।
होशियारपुर - नवी सोच वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष अश्वनी गैंद व पूर्व पार्षद सुरेश भाटिया (बिट्टू) ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान महिलाओं को पैसे देकर लुभाना बंद करें। उन्होंने कहा कि भारत परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध देश है।
जहां समाज में महिलाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। दुर्भाग्य से विदेशी शासन काल में समाज में अनेक बुराइयाँ एवं विकार उत्पन्न हो गये। जिससे महिलाओं पर अत्याचार होता था। आजादी के बाद समाज में महिलाओं का सम्मान तो बढ़ा, लेकिन उनके सशक्तिकरण की गति दशकों तक धीमी रही। भारतीय महिलाएं ऊर्जा, प्रेम, दूरदर्शिता, जीवन के प्रति उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। भाटिया और गैंद ने कहा कि कोविड-19 के दौरान महिलाओं, डॉक्टरों, नर्सों, आशा वर्करों, आंगनवाड़ी वर्करों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना योद्धाओं के रूप में मरीजों की सेवा की। इन महिलाओं ने कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है.
उन्होंने उन राजनीतिक दलों से कहा, जिन्होंने मतदाताओं को 1000 या 8500 रुपये प्रति माह देकर धोखा दिया और हार का सामना करना पड़ा। उन्हें हर महीने मुफ्त पैसा देने के बजाय ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ न पड़े और जिससे महिलाओं की गरिमा को भी ठेस न पहुंचे और महिलाओं के पास अपने परिवार का भरण-पोषण करने का साधन हो।
