थीम: हमारी नर्सें, हमारा भविष्य:- नर्सों की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

नवांशहर- 12/05/2025 को रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र, नवांशहर में ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता चमन सिंह परियोजना निदेशक ने की। सेमिनार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन इटली में जन्मी “फ्लोरेंस नाइटिंगेल” के जन्मदिन को समर्पित है, जिन्होंने क्रीमिया युद्ध में घायल सैनिकों की देखभाल की थी।

नवांशहर- 12/05/2025 को रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र, नवांशहर में ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता चमन सिंह परियोजना निदेशक ने की। सेमिनार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन इटली में जन्मी “फ्लोरेंस नाइटिंगेल” के जन्मदिन को समर्पित है, जिन्होंने क्रीमिया युद्ध में घायल सैनिकों की देखभाल की थी।
 वे अन्य साथी नर्सों को साथ लेकर उनके घावों पर पट्टी बांधती थीं। खाने-पीने का प्रबंध करती थीं। वे रात के अंधेरे में दीपक लेकर घायलों की पहचान करती थीं और उनकी मदद करती थीं। सफाई का काम करने के साथ-साथ वे सांख्यिकी का अध्ययन भी करती थीं। उन्हें लेडी विद ए लैंप भी कहा जाता है। उनका जन्म 12 मई 1820 को हुआ था और 13 अगस्त 1910 को ब्रिटेन में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने 1860 में नर्सों के प्रशिक्षण के लिए स्कूल भी खोले तथा महिलाओं को भी नर्स के रूप में प्रशिक्षित किया। 
हमें नर्सों के पेशे को सलाम करना चाहिए। आज अज्ञानी लोग कई बार नर्सों पर हमला करते हैं तथा अभद्र टिप्पणियां करते हैं, जिन्हें रोका जाना चाहिए। नर्सों के पेशे के बारे में लोगों में जागरूकता तथा सख्त कानूनों का प्रयोग ही नर्सों को प्रोत्साहित कर सकता है। आज जनसंख्या के लिहाज से नर्सों की संख्या बढ़ाने, उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके वेतन/भत्तों में वृद्धि करने की जरूरत है। आज साफ-सफाई तथा स्वच्छता की जरूरत है, जिससे किसी भी तरह के संक्रमण को रोका जा सके। 
क्योंकि युद्धों/अस्पतालों में मौतों में वृद्धि ऐसी कमियों के कारण होती है। इसलिए नाइटिंगेल अस्पतालों में साफ-सफाई तथा स्वच्छता पर ध्यान देती थीं। इस अवसर पर श्रीमती कमलजीत कौर तथा श्रीमती जसविंदर कौर ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर मनजीत सिंह, दिनेश कुमार, बलजीत कुमार, कोमलप्रीत कौर, कमल रानी, परवीन कुमारी, मरीज तथा उनके अभिभावक मौजूद थे।