
उपकार सोसायटी समाज सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर नवजात बेटियों की लोहड़ी मनाएगी
नवांशहर- हमारा समाज धीरे-धीरे बेटों और बेटियों के प्रति समान सोच और दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है। इस उत्साहजनक माहौल में उपकार सोसायटी की एक विशेष बैठक ने हर साल की तरह विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर लोहड़ी मनाने का कार्यक्रम बनाया है। उक्त फैसला स्थानीय गिरन भवन में प्रधान जेएस गिद्दा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
नवांशहर- हमारा समाज धीरे-धीरे बेटों और बेटियों के प्रति समान सोच और दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहा है। इस उत्साहजनक माहौल में उपकार सोसायटी की एक विशेष बैठक ने हर साल की तरह विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर लोहड़ी मनाने का कार्यक्रम बनाया है। उक्त फैसला स्थानीय गिरन भवन में प्रधान जेएस गिद्दा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
प्रधान परविंदर सिंह जस्सोमजारा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन करते हुए कहा कि सोसायटी एक नूर स्वयंसेवी संस्था पठलावा, पी.एस.टी.एस. गिद्दा वेलफेयर सोसायटी सुजों, साध संगत सिंबली और चन्नी रिसोर्ट राहों द्वारा आयोजित लोहड़ी कार्यक्रमों में भाग लेगी। इस अवसर पर समाज के हर वर्ग से अपील की गई कि बेटा-बेटी एक समान हैं, इसलिए दोनों को उनकी खुशियों और तरक्की के अवसरों में समानता दी जानी चाहिए। इस वर्ष गांव लाधाणा ऊंचा, एम्मां जट्टां, पद्दी मठ, सिंबली, पद्दी पोसी, सुरनपुर, पठलावा, सुजौं तथा राहों में नवजात कन्याओं की लोहड़ी पाई जा रही है।
इस अवसर पर सोसायटी की पदाधिकारी मैडम हरबंस कौर ने सदस्यों को अपनी पोती की लोहड़ी कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया, जिसे सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। श्री नरिंदर सिंह भारटा द्वारा शिक्षण संस्थाओं में सेमिनार आयोजित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। एक प्रस्ताव के माध्यम से लड़कियों के स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य से दोआबा सिख नेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रबंधन समिति के साथ एक संयुक्त कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सिलाई मशीनें प्रदान करने के लिए पीएसटीएस गिद्दा वेलफेयर सोसायटी सुजौं, जोगा सिंह साधरा, जीएस तूर, सुरजीत कौर दुलकू, डॉ. अजय बग्गा, प्रिंसिपल बिक्रमजीत सिंह द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। इस अवसर पर जे.एस. गिद्दा, सुरजीत कौर डुलकू, प्रिंसिपल परविंदर सिंह जस्सोमजारा, बीरबल खींची, देस राज बाली, मा. नरिंदर सिंह भारटा, जोगा सिंह साधड़ा, नरिंदरपाल तूर, डॉ. अवतार सिंह, प्रिंसिपल बिक्रमजीत सिंह, हरबंस कौर, ज्योति बग्गा, राजिंदर कौर गिद्दा, पलविंदर कौर बड़वाल, शमा मल्हान और परमजीत सिंह मौजूद थे।
