माता-पिता की सेवा करने से घर में आती है खुशहाली: संजीव अरोड़ा

होशियारपुर - भारतीय संस्कृति में भगवान से भी ऊंचा स्थान अगर किसी को दिया गया है तो वह है मां। कहा गया है कि भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकते, इसीलिए उन्होंने धरती पर मां को अपने रूप में भेजा है। इसलिए माता-पिता की सेवा के संस्कार से ही घर में खुशहाली और उन्नति संभव है। यह बात भारत विकास परिषद के अध्यक्ष एवं प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता संजीव अरोड़ा ने मदर्स डे के अवसर पर देर रात अपनी मां राम चांवेली को श्रद्धांजलि देते हुए कही।

होशियारपुर - भारतीय संस्कृति में भगवान से भी ऊंचा स्थान अगर किसी को दिया गया है तो वह है मां। कहा गया है कि भगवान हर जगह नहीं पहुंच सकते, इसीलिए उन्होंने धरती पर मां को अपने रूप में भेजा है। इसलिए माता-पिता की सेवा के संस्कार से ही घर में खुशहाली और उन्नति संभव है। यह बात भारत विकास परिषद के अध्यक्ष एवं प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता संजीव अरोड़ा ने मदर्स डे के अवसर पर देर रात अपनी मां राम चांवेली को श्रद्धांजलि देते हुए कही।
इस दौरान उनकी पत्नी रेनू अरोड़ा, बेटी डॉ. अंकिता और वंशिका ने भी मां को श्रद्धा के फूल चढ़ाए। इस अवसर पर डॉ. अंकिता व वंशिका ने कहा कि हमें भगवान से पहले अपने माता-पिता का नाम लेना चाहिए और उनकी सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने बच्चों से अपने माता-पिता की हर बात मानने और हर दिन को मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया।