
राजस्थान के कृषि मंत्री करोड़ी लाल मीना ने नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापा मारा, किसानों में खुशी की लहर
पटियाला: 17 जून: हाल ही में राजस्थान के कृषि मंत्री करोड़ी लाल मीना ने इफको कंपनी के नाम से दक्षिण भारत के कई राज्यों में चल रही नकली कंपनियों पर छापा मारा, जिनके पास दिल्ली और तमिलनाडु के लाइसेंस हैं, लेकिन अजमेर जिले के गांवों में अलग-अलग जगहों पर खाद का उत्पादन किया जा रहा था।
पटियाला: 17 जून: हाल ही में राजस्थान के कृषि मंत्री करोड़ी लाल मीना ने इफको कंपनी के नाम से दक्षिण भारत के कई राज्यों में चल रही नकली कंपनियों पर छापा मारा, जिनके पास दिल्ली और तमिलनाडु के लाइसेंस हैं, लेकिन अजमेर जिले के गांवों में अलग-अलग जगहों पर खाद का उत्पादन किया जा रहा था।
कृषि मंत्री द्वारा खुद छापेमारी करके चल रहे गौ तस्करी के धंधे का पर्दाफाश करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतनाम सिंह बेहरू ने किसानों के साथ विश्वासघात करने वाले बहादुरों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए राजस्थान के कृषि मंत्री की जमकर प्रशंसा की और कहा कि इन उजागर नकली खादों और अन्य कृषि संबंधी सामग्रियों के बारे में मीडिया में चर्चा से उत्तर भारत के किसानों में हड़कंप मच गया है।
किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि खरीफ फसलों के लिए विश्वसनीय डीएपी, यूरिया खाद कहां से लाएं। इसलिए भारत के गृह मंत्री अमित शाह को किसानों के हितों की सेवा के लिए तुरंत इस गौ तस्करी के धंधे की सीबीआई जांच की घोषणा करनी चाहिए। गौ तस्करी का यह धंधा दर्जनों खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों से जुड़ा हुआ है।
चूंकि यह सीधे तौर पर देश की खाद्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, इसलिए नकली खाद व अन्य सामग्री किसानों के खेतों में पहुंच जाती है, जिसका कृषि उत्पादन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। श्री बेहरू ने भारतीय किसान संघ की ओर से देश के किसानों को भरोसा दिलाया कि अगर इस उजागर हुए गोरखधंधे को राजनीतिक रूप से दबाने की कोशिश की गई तो किसानों के हितों की पूर्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर भी पीछे नहीं हटेंगे।
श्री बेहरू ने जानना चाहा कि राजस्थान सरकार ने इफको कंपनी के नाम पर कई अन्य कंपनियों द्वारा डीएपी, यूरिया व अन्य कृषि सामग्री के इस्तेमाल का पर्दाफाश क्यों किया और हमारे पंजाब के मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? इसलिए पंजाब के किसान भगवंत सिंह मान मुख्यमंत्री से जानना चाहते हैं कि कैसे पंजाब के मार्कफेड विभाग व कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों ने मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड व कृष्णा टोविस्कैन प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों से मोटा कमीशन लिया और कैसे घटिया किस्म की हजारों मीटर डीएपी किसानों के खेतों में पहुंच गई।
जब हमें इस बारे में पता चला तो डीएपी के 60 फीसदी सैंपल फेल हो गए। हमने आपको तीन पंजीकृत पत्रों के माध्यम से सूचित किया था कि क्या संबंधित कंपनियों और सरकार के उच्च अधिकारियों के खिलाफ आज तक कोई कानूनी कार्रवाई की गई है
