62वीं अखिल भारतीय प्रिंसिपल हरभजन कप राउंड ग्लास मोहाली ने जीता
फुटबॉल की नर्सरी के रूप में जाना जाने वाला माहिलपुर एक ऐसा स्थान है जहां अक्सर फुटबॉल गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, लेकिन पंजाब में सबसे पुराना और अखिल भारतीय स्तर का फुटबॉल टूर्नामेंट प्रिंसिपल हरभजन सिंह मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट, माहिलपुर है। प्रिंसिपल हरभजन सिंह स्पोर्टिंग क्लब द्वारा इसका 62वीं बार आयोजन किया गया। यह पंजाब का सबसे पुराना टूर्नामेंट है, साथ ही यह भारतीय फुटबॉल महासंघ के नियमों के अनुसार आयोजित होने वाला एक शीर्ष स्तरीय टूर्नामेंट भी है।
फुटबॉल की नर्सरी के रूप में जाना जाने वाला माहिलपुर एक ऐसा स्थान है जहां अक्सर फुटबॉल गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, लेकिन पंजाब में सबसे पुराना और अखिल भारतीय स्तर का फुटबॉल टूर्नामेंट प्रिंसिपल हरभजन सिंह मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट, माहिलपुर है। प्रिंसिपल हरभजन सिंह स्पोर्टिंग क्लब द्वारा इसका 62वीं बार आयोजन किया गया। यह पंजाब का सबसे पुराना टूर्नामेंट है, साथ ही यह भारतीय फुटबॉल महासंघ के नियमों के अनुसार आयोजित होने वाला एक शीर्ष स्तरीय टूर्नामेंट भी है।
जिसका नेतृत्व कुलवंत सिंह संघा कर रहे हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय और ईमानदार मानसिकता है। वह एक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर रहे हैं, साथ ही वह फुटबॉल, कबड्डी और कुश्ती के भी प्रवर्तक हैं। इंग्लैंड में रहते हुए, वे अपनी धरती के प्रति प्रेम को पोषित करते हुए माहिलपुर की फुटबॉल नर्सरी को हरा-भरा बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। क्लब की पूरी टीम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है और इन व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। साहस और समर्पण के साथ काम करने वाले आयोजकों के नेतृत्व में यह टूर्नामेंट इस वर्ष और भी अधिक ऊंचाइयों पर पहुंच गया।
तीन श्रेणियों में आयोजित इस टूर्नामेंट में पंजाब की 8 अकादमियों, 10 कॉलेजों और अखिल भारतीय स्तर के 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के 12 क्लबों ने भाग लिया। क्लब श्रेणी में लीग आयोजित की गई, जबकि शेष प्रतियोगिताएं नॉक-आउट आधार पर आयोजित की गईं। खालसा कॉलेज माहिलपुर का प्रिंसिपल हरभजन सिंह मेमोरियल स्टेडियम पूरे आठ दिनों तक फुटबॉल प्रेमियों से भरा रहा। अंडर-18 आयु वर्ग में अकादमियों की प्रतियोगिता में पंजाब एफसी ने महलपुर अकादमी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। जबकि पंजाब एफसी को फाइनल मुकाबले में जेसीटी अकादमी से 1-0 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। विजेता को 41 हजार रुपये तथा उपविजेता को 31 हजार रुपये के साथ ट्रॉफी दी गई। सेमीफाइनल मुकाबले में बब्बर अकाली मेमोरियल खालसा कॉलेज गढ़शंकर ने जीएंडए यूनिवर्सिटी कॉलेज पर तीन गोल से जीत हासिल की।
इसी तरह खालसा कॉलेज माहिलपुर ने लायलपुर खालसा कॉलेज को करीबी मुकाबले में हराकर फाइनल में प्रवेश किया। रोमांचक फाइनल मुकाबले में खालसा कॉलेज माहिलपुर ने कड़े संघर्ष के बाद खालसा कॉलेज गढ़शंकर को एक-शून्य के अंतर से हराकर 75 हजार रुपये का नकद पुरस्कार जीता, जबकि खालसा कॉलेज माहिलपुर को 50 हजार रुपये से सब्र करना पड़ा। क्लब सेमीफाइनल मुकाबले में राउंड ग्लास मोहाली ने आइएफसी फगवाड़ा तथा दिल्ली एफसी ने आरसीएफ कपूरथला को हराया। क्लब वर्ग में राउंड ग्लास मोहाली ने बेहतरीन तकनीकी खेल के चलते दिल्ली एफसी को एक-शून्य से हराया।
प्रिंसिपल हरभजन को कप के साथ दो लाख रुपये तथा मोहाली को ट्रॉफी और डेढ़ लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। उच्च स्तर पर खेलने वाले दिल्ली फुटबाल क्लब के खिलाड़ी वांगशुंग लुंगलांग को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के लिए दर्शन सिंह कैनेडियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा राउंड ग्लास मोहाली के खिलाड़ी उमंग दुदाम को सर्वाधिक गोल करने के लिए स्विस द्वारा गोल्डन बूट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दो खिलाड़ियों को रविन्द्र सिंह राऊ और गुरुदत्त पुरस्कार दिए गए। खालसा कॉलेज माहिलपुर, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़के और लड़कियों के एक-एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और एक प्रतिभाशाली विद्यार्थी को वार्षिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई।
यहां केवल फुटबॉल खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि देश-विदेश में रहने वाले फुटबॉल प्रेमी, फुटबॉल प्रमोटर और प्रिंसिपल हरभजन सिंह जी के छात्र भी विशेष रूप से आए।
उन्होंने अपनी अच्छी कमाई का दसवां हिस्सा इस क्लब को दान कर दिया। कुंदन सिंह सज्जन बम्बली, तारा सिंह बैंस महमदवाल, सतपाल सिंह सहोता फतेहपुर कोठी, बलबीर सिंह दरार पल्ली झिक्की ने 51-51 हजार की राशि देकर खिलाड़ियों का मान-सम्मान बढ़ाया। प्रिंसिपल हरभजन सिंह मेमोरियल एजुकेशनल एंड स्पोर्ट्स ट्रस्ट यूके, कनाडा और यूएसए ने इस टूर्नामेंट के लिए लाखों रुपये भेजे। इन ट्रस्टों का नेतृत्व जीत सिंह खाबड़ा, अनूप सिंह लुड्डू, दलजीत सिंह बैंस और कुलवंत सिंह संघा कर रहे हैं। इस खेल महोत्सव में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवा एवं वरिष्ठ खिलाड़ी दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बने रहे।
उन्होंने नए खिलाड़ियों को पुराने खेलों के बारे में भी जानकारी दी। माहिलपुर से अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीट माधुरी ए सिंह विशेष अतिथि थीं। सचिव डॉ. इस राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल टूर्नामेंट को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परमप्रीत कैंडोवाल, महेंद्र भाटिया, सेवक सिंह बैंस, हरनंदन सिंह नंदा ने बेहतरीन भूमिका निभाई। मंच संचालन की जिम्मेदारी संभालते हुए इन पंक्तियों के लेखक ने फुटबॉल के इतिहास और महलपुर की विरासत पर प्रकाश डाला।
क्लब अध्यक्ष कुलवंत सिंह संघा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वालों में सिख एजुकेशनल काउंसिल के महासचिव प्रोफेसर अपिंदर सिंह, एसपी शिविंदरजीत सिंह बैंस, अमरीक सिंह बैंस, प्रिंस शामिल थे। इंद्रजीत सिंह, प्राचार्य। परविंदर सिंह, जमशेर सिंह तंबर, मास्टर बनिंदर सिंह, सुहैल गांधी जैसे सदस्य तेज बारिश में भी जुटे रहे। इन प्रतियोगिताओं का उद्घाटन करते हुए चब्बेवाल के विधायक डॉ. इशांक कुमार ने अपने पिता डॉ. राज कुमार सांसद के कोटे से 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता पंजाब विधानसभा के उपाध्यक्ष सरदार जय कृष्ण सिंह रोड़ी की पत्नी मैडम नीलम रोड़ी ने की। उन्होंने पिछले वर्ष घोषित पांच लाख की राशि का चेक आयोजकों को भेंट किया तथा भविष्य में क्लब को 10 लाख देने की घोषणा भी की।
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संपादक निकिया करुम्बाला
माहिलपुर (होशियारपुर)
