त्रिभाषी साहित्य मंच चंडीगढ़ ने त्रिभाषी कवि दरबार एवं सम्मान समागम का आयोजन किया

चंडीगढ़: त्रिभाषी साहित्य मंच चंडीगढ़ ने सैनी भवन सेक्टर-24, चंडीगढ़ में भव्य कवि दरबार एवं सम्मान समागम का आयोजन किया, जिसमें ट्राईसिटी के जाने-माने बुद्धिजीवी, लेखक, कवि एवं कवयित्रियां शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती कृष्णा गोयल (पूर्व संयुक्त रजिस्ट्रार, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण, चंडीगढ़) शामिल हुईं।

चंडीगढ़: त्रिभाषी साहित्य मंच चंडीगढ़ ने सैनी भवन सेक्टर-24, चंडीगढ़ में भव्य कवि दरबार एवं सम्मान समागम का आयोजन किया, जिसमें ट्राईसिटी के जाने-माने बुद्धिजीवी, लेखक, कवि एवं कवयित्रियां शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती कृष्णा गोयल (पूर्व संयुक्त रजिस्ट्रार, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण, चंडीगढ़) शामिल हुईं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध लेखक एवं प्रख्यात पत्रकार श्री प्रेम विज शामिल हुए, जबकि संस्था के अध्यक्ष प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उनके साथ अध्यक्ष मंडल में शामिल दो सम्मानित हस्तियां डॉ. विनोद शर्मा (प्रख्यात पत्रकार एवं लेखक) एवं श्री भूपिंदर सिंह मलिक (प्रख्यात लेखक) तथा मंच की सचिव डॉ. संगीता शर्मा कुंद्रा भी मौजूद रहीं। 
समारोह की शुरुआत जगतार सिंह जोग द्वारा मधुर स्वर में गाए गए प्रिंसिपल गोसल द्वारा रचित धार्मिक गीत "सभा विच भूचाल आ गया, फतेह सिंह जब फतेह सी बुलाई" से हुई, जिसका दर्शकों ने तालियों से स्वागत किया। इसके बाद संस्था के चेयरमैन प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल ने मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने अतिथियों व सम्मानित हस्तियों का परिचय करवाया। उन्होंने कहा कि दोनों सम्मानित हस्तियों ने साहित्य के क्षेत्र में बहुत ऊंचा मुकाम हासिल किया है। उनकी इन्हीं अद्वितीय उपलब्धियों के कारण त्रिभाषा साहित्य मंच चंडीगढ़ ने उन्हें सम्मानित करने का फैसला किया है। 
इस अवसर पर मंच के चेयरमैन प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल, अध्यक्ष प्रेम विज, अन्य पदाधिकारियों व मुख्य अतिथि द्वारा डॉ. विनोद शर्मा व श्री भूपिंदर सिंह मलिक को शॉल, सम्मान चिन्ह, स्वर्ण पदक, पुस्तकों के सेट व गुलदस्ते देकर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह का समापन तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हुआ। इस अवसर पर श्री प्रेम विज ने दोनों हस्तियों की साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। सम्मानित होने वाले लोगों ने संस्था की ओर से मिले सम्मान के लिए आभार जताया।
दूसरे चरण में भव्य कवि दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें कई भाषाओं के कवि, कवयित्रियां और साहित्यकार शामिल हुए। इस दरबार में भाग लेने वाले कवियों में भूपिंदर भागोमाजरा, डॉ. पन्ना लाल मुस्तफवादी, डॉ. गुरदेव सिंह गिल, दर्शन सिंह सिद्धू, डॉ. हरबंस कौर गिल, चरणजीत कौर बाठ, वरिंदर सिंह चट्ठा, बलदेव सिंह बिंद्रा, प्रिंसिपल सरबजीत सिंह, तरसेम राज, ध्यान सिंह काहलों, भूपिंदर सिंह मलिक, राजिंदर सिंह धीमान, प्रेम विज, रेखा मित्तल, सागर सिंगला बुहिया, एडवोकेट नीलम नारंग, विमला शामिल थे। गुगलानी, सुरजीत सिंह धीर, डॉ. संगीता शर्मा, शिहा वालिया, दलबीर सिंह सरोया, डॉ. अवतार सिंह पतंग, गणेश दत्त, पाल अजनबी, दर्शन तिउना, सागर सिंह भंवरा, कंचन भाला, रविंदर पाल सिंह, डॉ. विनोद शर्मा, बहादुर सिंह गोसल, कृष्ण गोयल, हरिंदर सिन्हा और राजिंदर सिंह प्रतिभागियों में शामिल थे।
प्रधानाचार्य बहादुर सिंह गोसल ने कहा कि हर माह दो साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा। उनकी रचनाओं को हिंदी, पंजाबी और अंग्रेजी में संपादित किया जाएगा और एक पुस्तक तैयार की जाएगी, जिसका संपादन प्रिंसिपल गोसल और श्री प्रेम विज करेंगे। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा गोयल को भी फुलकारी, स्वर्ण पदक, पुस्तकों का सेट और गुलदस्ते देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध कवियत्री कंचल भाला ने अपनी हास्य कविताओं से सभी का मन मोह लिया। अंत में राजिंदर धीमान ने सभी अतिथियों और कवियों का धन्यवाद किया।