दाँत का इंफेक्शन; रूट कैनाल द्वारा बचाना क्यों ज़रूरी है?

मोहाली, 28 अगस्त, 2025- हमारे जीवन में दाँत केवल चबाने या मुस्कुराने के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य और आत्मविश्वास से जुड़े होते हैं। जब किसी दाँत में गहरा इंफेक्शन हो जाता है, तब अक्सर रोगी सोचते हैं कि उस दाँत को निकलवा देना ही आसान समाधान है। कुछ लोग तुरंत इम्प्लांट लगवाने की सलाह लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मामलों में सबसे पहला और सबसे सुरक्षित विकल्प रूट कैनाल ट्रीटमेंट (RCT) है।

मोहाली, 28 अगस्त, 2025- हमारे जीवन में दाँत केवल चबाने या मुस्कुराने के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य और आत्मविश्वास से जुड़े होते हैं। जब किसी दाँत में गहरा इंफेक्शन हो जाता है, तब अक्सर रोगी सोचते हैं कि उस दाँत को निकलवा देना ही आसान समाधान है। कुछ लोग तुरंत इम्प्लांट लगवाने की सलाह लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मामलों में सबसे पहला और सबसे सुरक्षित विकल्प रूट कैनाल ट्रीटमेंट (RCT) है।

1. प्राकृतिक दाँत सबसे अनमोल-
प्रकृति द्वारा दिया गया असली दाँत कभी भी आर्टिफिशियल दाँत से बेहतर होता है। चाहे कितना भी एडवांस्ड इम्प्लांट क्यों न हो, वह असली दाँत की मजबूती और संवेदना (सेंसिटिविटी) नहीं दे सकता। रूट कैनाल करवाकर हम अपने प्राकृतिक दाँत को जीवन भर के लिए बचा सकते हैं।

2. जबड़े की हड्डी की सुरक्षा-
दाँत निकलवाने (एक्सट्रैक्शन) के बाद वहाँ की हड्डी धीरे-धीरे गलने लगती है, जिससे जबड़े की संरचना पर असर पड़ता है। इससे चेहरे की शेप बदल सकती है। जबकि रूट कैनाल करवाने से दाँत और हड्डी दोनों सुरक्षित रहते हैं।

3. आर्थिक दृष्टि से लाभकारी-
रूट कैनाल का खर्च इम्प्लांट और ब्रिज की तुलना में कम होता है। इम्प्लांट न केवल महंगे होते हैं बल्कि कई बार अतिरिक्त हड्डी ग्राफ्टिंग जैसी प्रक्रियाएँ भी करनी पड़ती हैं। वहीं RCT सरल, सुरक्षित और लंबे समय तक टिकाऊ समाधान है।

4. शरीर के लिए कम जोखिम-
इम्प्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें टाइटेनियम स्क्रू हड्डी में डाला जाता है। यह हर मरीज के लिए उपयुक्त नहीं होता, विशेषकर डायबिटीज़, हृदय रोग या कमजोर हड्डियों वाले लोगों के लिए। रूट कैनाल अपेक्षाकृत कम जटिल और सुरक्षित है।

5. इंफेक्शन से स्थायी छुटकारा-
रूट कैनाल में दाँत के अंदर के इंफेक्टेड पल्प को साफ करके, उसे विशेष दवाओं और फिलिंग से बंद कर दिया जाता है। इससे इंफेक्शन पूरी तरह समाप्त हो जाता है और दाँत लंबे समय तक सुरक्षित रहता है।

6. आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता-
दाँत निकलवाने के बाद रोगी को बोलने, चबाने और मुस्कुराने में दिक़्क़त होती है। आर्टिफिशियल विकल्प होने के बावजूद यह असली दाँत जैसा सहज अनुभव नहीं दे पाता। जबकि रूट कैनाल करवाकर व्यक्ति अपनी प्राकृतिक मुस्कान और आत्मविश्वास बनाए रख सकता है।

निष्कर्ष-
दाँत में इंफेक्शन होने पर सबसे पहले रूट कैनाल ट्रीटमेंट द्वारा उसे बचाने का प्रयास करना चाहिए। एक्सट्रैक्शन और इम्प्लांट केवल तब ही किए जाएँ जब दाँत बचाने की कोई संभावना न हो। याद रखें – “असली दाँत ही सबसे कीमती दाँत है, और रूट कैनाल उसका रक्षक है।”