
आज आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष विजय पाल ने भाजपा शासित चंडीगढ़ नगर निगम और केंदर सरकार की भ्रष्ट नीतियों की खोली पोल
चंडीगढ़- आज आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने भाजपा-शासित चंडीगढ़ नगर निगम और केंद्र व राज्य सरकार की भ्रष्ट नीतियों पर तीखा प्रहार किया।
चंडीगढ़- आज आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने भाजपा-शासित चंडीगढ़ नगर निगम और केंद्र व राज्य सरकार की भ्रष्ट नीतियों पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा से भ्रष्टाचार के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में रही है और लगातार इसके विरुद्ध संघर्ष करती रही है। विजयपाल सिंह ने स्पष्ट किया कि AAP सत्ता में केवल भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के मिशन के साथ आई है।
उन्होंने आगे कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े हर मुद्दे को समय-समय पर चंडीगढ़ प्रशासक के संज्ञान में लाया गया, लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर कोई रोक नहीं लग पाई और आज जनता भ्रष्ट तंत्र के कारण त्रस्त है। प्रशासन अपनी सुविधा के अनुसार कानूनों में बदलाव करता रहता है ताकि कानून की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता रहे और यह और गहराई तक जड़ें जमा सके।
विजयपाल सिंह ने कहा कि आज चंडीगढ़ भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। निचले स्तर से लेकर उच्च पदस्थ अधिकारियों तक, हर विभाग करोड़ों की वसूली और घोटालों में डूबा हुआ है। सरकारी तंत्र में बैठे अधिकारी जनता के पैसों की खुली लूट में संलिप्त हैं।
*₹93 करोड़ और ₹238 करोड़ की फंडिंग का सच
भाजपा मेयर ने नगर निगम मीटिंग में दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार ₹92–93 करोड़ और ₹238 करोड़ दे चुकी हैं। इस घोषणा पर निगम में मिठाई तक बांटी गई, लेकिन एक भी रुपया अब तक नहीं मिला। AAP अध्यक्ष ने इसे भ्रामक करार देते हुए कहा कि ₹92 करोड़ का फंड नहीं पहुँचा और ₹238 करोड़ की राशि भी अब तक स्वीकृत नहीं हुई। भाजपा जनता को गुमराह कर रही है।
*स्ट्रीट वेंडरों से अवैध वसूली (एन्फोर्समेंट विंग)
नगर निगम के एन्फोर्समेंट विंग में संगठित भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। एक कर्मचारी ने वीडियो जारी कर बताया कि वैध और अवैध स्ट्रीट वेंडरों से ₹2,000–3,000 प्रति व्यक्ति की वसूली की जाती है। निरीक्षक भी इस रैकेट में शामिल हैं। कर्मचारियों पर महीने में ₹5–6 लाख की वसूली का दबाव डाला जाता है। कार्रवाई के नाम पर कर्मियों का तबादला कर यह धंधा जारी रखा गया। न कोई FIR हुई, न गिरफ्तारी। AAP ने CBI जांच की मांग की।
*दुकानदारों पर असर
अवैध स्ट्रीट वेंडरों के कारण किराया, टैक्स और बिल भरने वाले दुकानदारों का व्यापार चौपट हो गया है। प्रशासन की मिलीभगत से पूरा सिस्टम ‘कॉर्पोरेट माफिया’ में बदल चुका है।
*मणिमाजरा में जल संकट
नए पानी के कनेक्शन के लिए मनमानी शर्तें लगाई जा रही हैं। पब्लिक हेल्थ विंग पुराने घरों के लिए असंभव “बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट” मांग रही है। AAP ने आरोप लगाया कि बाधाएं हटाने के बावजूद नगर निगम फिर नई शर्तें थोप रहा है। लाखों ग्रामीण पानी के कनेक्शन से वंचित हैं।
*24x7 वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट – ₹165 करोड़ की विफलता
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शुरू की गई इस परियोजना पर ₹165 करोड़ खर्च हुए, लेकिन यह पूरी तरह असफल रही। PRV, पंप और SCADA सिस्टम बंद पड़े हैं। उद्घाटन के बाद से मणिमाजरा के किसी भी क्षेत्र में 24 घंटे पानी नहीं आया, बल्कि गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। कुल ₹475 करोड़ का घोटाला हुआ, फिर भी कोई FIR या गिरफ्तारी नहीं।
*बारिश में जलभराव
हल्की बारिश में भी पूरे शहर में पानी भर गया। गाड़ियां नावों की तरह तैर रही थीं। सड़कें टूटी और गड्ढों से भरी पड़ी हैं। भाजपा के वर्षों के शासन के बावजूद जवाबदेही नहीं दिखती। पहली बार मोहाली की सड़कें चंडीगढ़ से बेहतर नज़र आईं।
*बिजली निजीकरण घोटाला
लाभदायक बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंप दिया गया। निजी कंपनी ने बिना ऑडिट बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, और टैरिफ में 14% बढ़ोतरी कर दी गई। अब 7–8 घंटे की कटौती हो रही है। AAP ने बिजली विभाग को तुरंत वापस सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग की।
*कम्युनिटी सेंटर घोटाला
गरीब परिवारों के नाम पर सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ। दलाल फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए ₹26,000–₹55,000 वसूली करते थे। पिछले पांच साल में निगम को ₹100 करोड़ का नुकसान हुआ। करोड़ों की जिम मशीनें धूल फांक रही हैं। कोई FIR नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं।
प्रमुख घोटाले और भ्रष्टाचार:
*₹93 करोड़ और ₹238 करोड़ फंडिंग नहीं मिली
*स्ट्रीट वेंडर रैकेट और अवैध वसूली
*मणिमाजरा 24×7 वाटर सप्लाई विफल प्रोजेक्ट
*बिजली निजीकरण और टैरिफ घोटाला (CPDL/EEDL)
*कम्युनिटी सेंटर घोटाला
*पार्किंग घोटाला
