बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु जिला टास्क फोर्स द्वारा की गई जाँच

होशियारपुर- प्रोजेक्ट जीवनजोत के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, उपायुक्त होशियारपुर आशिका जैन के मार्गदर्शन में, जिला बाल संरक्षण अधिकारी हरप्रीत कौर के नेतृत्व में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने जिला होशियारपुर के नई सब्जी मंडी, कंडी स्वीट शॉप, बंगाली स्वीट शॉप, फगवाड़ा चौक, प्रभात चौक, शिमला पहाड़ी चौक, हनुमान मंदिर, शनि मंदिर, भंगी चौक पर छापेमारी की।

होशियारपुर- प्रोजेक्ट जीवनजोत के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, उपायुक्त होशियारपुर आशिका जैन के मार्गदर्शन में, जिला बाल संरक्षण अधिकारी हरप्रीत कौर के नेतृत्व में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने जिला होशियारपुर के नई सब्जी मंडी, कंडी स्वीट शॉप, बंगाली स्वीट शॉप, फगवाड़ा चौक, प्रभात चौक, शिमला पहाड़ी चौक, हनुमान मंदिर, शनि मंदिर, भंगी चौक पर छापेमारी की।
 इस छापेमारी के दौरान, 4 बच्चों को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति ने बच्चों की काउंसलिंग की और बच्चों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए गए। 
इस संबंध में जानकारी देते हुए, जिला बाल संरक्षण अधिकारी हरप्रीत कौर ने आम जनता से भी अपील की कि यदि आपको कोई बच्चा भीख मांगता हुआ या मजदूरी करता हुआ दिखाई दे, तो उसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर अवश्य दें ताकि आपकी एक पहल किसी बच्चे का जीवन बदल सके। पंजाब सरकार द्वारा 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई होशियारपुर में या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती है।
 उन्होंने कहा कि इस तरह की छापेमारी पहले भी की जा रही है और यह लगातार जारी रहेगी। अगर कोई भी माता-पिता बच्चे से भीख मंगवाते हुए पाया गया तो माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। बच्चों की सुरक्षा और देखभाल के संबंध में जिला बाल संरक्षण इकाई, राम कॉलोनी कैंप, होशियारपुर के साथ समन्वय किया जा सकता है।
 (सामाजिक कार्यकर्ता) जिला बाल संरक्षण इकाई मोहित, सिटी पुलिस स्टेशन होशियारपुर से एसएचओ किरण सिंह, कुलदीप सिंह (काउंसलर) जिला बाल संरक्षण इकाई, डॉ. शालिनी (स्वास्थ्य विभाग) अमित कुमार (शिक्षा विभाग) इस छापेमारी में मौजूद थे। बाल कल्याण समिति की काउंसलिंग की गई और बच्चों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए गए।