बिहार में मतदाता सूची में संशोधन के खिलाफ एडीआर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

नई दिल्ली, 5 जुलाई - एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बिहार में मतदाता सूची में विशेष प्रवर्तनीय संशोधन या एसआईआर के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

नई दिल्ली, 5 जुलाई - एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बिहार में मतदाता सूची में विशेष प्रवर्तनीय संशोधन या एसआईआर के चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
गौरतलब है कि 24 जून, 53 को इसने बिहार में एसआईआर आयोजित करने के निर्देश जारी किए थे, ताकि सूची से स्पष्ट रूप से अयोग्य नामों को हटाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पात्र नागरिकों को ही मतदाता सूची में शामिल किया जाए। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं।
एनजीओ ने आदेश और पत्र को रद्द करने की मांग करते हुए तर्क दिया है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 के साथ-साथ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 211 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। 
याचिकाकर्ता, अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग का आदेश “मनमाने ढंग से और बिना किसी उचित प्रक्रिया के” लाखों मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकता है और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बाधित कर सकता है। 
प्रशांत भूषण ने कहा, “निर्देश की दस्तावेजी आवश्यकताएं, उचित प्रक्रिया की कमी, साथ ही बिहार में मतदाता सूची के उक्त विशेष तीव्र पुनरीक्षण के लिए अनुचित रूप से कम समय सीमा, इस अभ्यास को लाखों वास्तविक मतदाताओं के नामों को मतदाता सूची से हटाने के लिए बाध्य करती है, जिससे वे अपने वोट के अधिकार से वंचित हो जाते हैं।”