28 जून को होने वाला सम्मेलन पंजाब को आदिवासी क्षेत्र बनने से रोकने का संकेत देगा

जालंधर- देश भगत यादगार कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह, महासचिव पृथीपाल सिंह मरीमेघा और सांस्कृतिक विंग के संयोजक अमोलक सिंह ने कहा कि सभी कमेटियों ने पंजाब के जनवादी, जनपक्षीय संगठनों और खास तौर पर पंजाब के गांवों में देशभक्त सेनानियों के कार्यक्रम आयोजित करने वाली स्मारक कमेटियों को पत्रों और जन अपीलों के माध्यम से उत्साहपूर्वक जवाब दिया है।

जालंधर- देश भगत यादगार कमेटी के अध्यक्ष अजमेर सिंह, महासचिव पृथीपाल सिंह मरीमेघा और सांस्कृतिक विंग के संयोजक अमोलक सिंह ने कहा कि सभी कमेटियों ने पंजाब के जनवादी, जनपक्षीय संगठनों और खास तौर पर पंजाब के गांवों में देशभक्त सेनानियों के कार्यक्रम आयोजित करने वाली स्मारक कमेटियों को पत्रों और जन अपीलों के माध्यम से उत्साहपूर्वक जवाब दिया है।
जन मुद्दों, लोकतांत्रिक मुद्दों और निरंतर हो रहे अत्याचारों, विस्थापन, नरसंहारों और इतिहास पर आधारित कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के कलंक को मिटाने की गृह मंत्री की घोषणा के खिलाफ आवाज उठाने वाले सभी संगठन भी अपने कार्यक्रमों में 28वें सम्मेलन में भाग लेने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
उनके कार्यालय को लगातार संदेश मिल रहे हैं कि वे अपने शहर की मिट्टी की खुशबू और पदचिन्हों को नमन करते हुए धूमधाम से सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं। समितियों के प्रतिनिधियों ने देशभक्ति यादगार हॉल के कार्यालय का ध्यान दिलाया कि 70 और 80 के दशक में हुए झूठे पुलिस एनकाउंटरों के जख्म आज भी लोगों के दिलों में रिस रहे हैं। आज पंजाब को फिर से पुलिस राज्य की ओर तेजी से धकेला जा रहा है।
 इसलिए लोगों में गहरी चिंता है कि अगर वे भाजपा सरकार के सांप्रदायिक फासीवादी हमले के सामने दीवार बनकर खड़े नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब का मजदूर, किसान, कर्मचारी, तर्कशील, लोकतांत्रिक आंदोलन कुचल दिया जाएगा और काले इतिहास की हवा एक बार फिर पंजाब के दिल में बहेगी।
 इसलिए सभी संगठनों ने देशभक्ति यादगार कमेटी की इस साहसी और गंभीर पहल की बहुत सराहना की है। कमेटी को गर्व है कि 28 जून को सुबह 11 बजे लोग देश भगत यादगार हॉल में एकत्रित होकर अपनी एकजुटता दिखाएंगे। 
इस कन्वेंशन को देश भगत यादगार कमेटी के सदस्य डॉ. परमिंदर, दर्शन खटकड़ और मंगत राम पासला संबोधित करेंगे। तीनों वक्ताओं के बाद एक बहुत ही अनुशासित प्रतीकात्मक मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी।