पंजाब में औद्योगिक प्लाटों के वितरण के लिए व्यापक नीति को मंजूरी

चंडीगढ़, 21 जून - पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में आज सिविल सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में जेल विभाग में विभिन्न कैडर के 500 पदों को भरने को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा राज्य के उद्योगपतियों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हुए औद्योगिक प्लाटों के वितरण और उप-विभाजन के लिए व्यापक नीति को हरी झंडी दे दी गई है।

चंडीगढ़, 21 जून - पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में आज सिविल सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में जेल विभाग में विभिन्न कैडर के 500 पदों को भरने को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा राज्य के उद्योगपतियों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करते हुए औद्योगिक प्लाटों के वितरण और उप-विभाजन के लिए व्यापक नीति को हरी झंडी दे दी गई है।
 कैबिनेट ने पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज रूल्स, 2025 के निर्माण और पंजाब लेबर वेलफेयर फंड एक्ट, 1965 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। इस बीच, गमाडा, ग्लाडा, पुडा सहित अन्य विकास प्राधिकरणों के चेयरमैन को मुख्यमंत्री के बजाय मुख्य सचिव बनाया गया है।
 बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा और तरुणप्रीत सिंह सौंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सीधी भर्ती कोटे के तहत सहायक अधीक्षक, वार्डर और मैट्रन के 500 रिक्त पदों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। इस भर्ती में 29 सहायक अधीक्षक, 451 वार्डर और 20 मैट्रन की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती पंजाब अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा की जाएगी। यह भर्ती जेलों के कामकाज को और अधिक कुशल बनाने के साथ-साथ उन्हें सुरक्षित बनाने में सहायक होगी। 
श्री चीमा ने कहा कि कैबिनेट ने पीएसआईईसी के प्रबंधन के तहत औद्योगिक सम्पदाओं में औद्योगिक प्लॉटों के वितरण और उप-विभाजन के लिए एक व्यापक नीति को भी मंजूरी दी ताकि भूमि का अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सके। यह नीति छोटे औद्योगिक प्लॉटों, विशेष रूप से आईटी और सेवा क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगी। इससे पंजाब में नए उद्योग भी आएंगे और कई पुराने विवाद भी सुलझेंगे। उन्होंने कहा कि यह नीति 1000 वर्ग गज या इससे अधिक के फ्रीहोल्ड प्लॉटों पर लागू है, जिसमें कम से कम 400 वर्ग गज के सब-डिवीजन प्लॉट बनाए जा सकते हैं। 
इसके लिए मूल प्लॉट के मौजूदा आरक्षित मूल्य का 5 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा, जिसे मृतक अलॉटी के पारिवारिक सदस्यों या कानूनी वारिसों के लिए घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया जाएगा। श्री सौंद ने बताया कि उक्त नीति के तहत औद्योगिक प्लाटों को उपविभाजित करने वालों को उस जमीन पर 5 साल तक उद्योग चलाना अनिवार्य होगा। 5 साल के बाद प्लांट मालिक सरकार से मंजूरी लेकर उस जमीन पर कोई भी निर्माण कर सकता है। 
कैबिनेट मंत्री चीमा ने बताया कि आज कैबिनेट ने कारोबार में आसानी के लिए पंजाब फैक्टरी रूल्स, 1952 के नियम 2-ए, नियम 3-ए, नियम 4 और नियम 102 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने पंजाब श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1965 में संशोधन करने पर भी सहमति जताई है। इसलिए फंड को और अधिक उपयुक्त और प्रगतिशील बनाकर श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों में संशोधन किया गया है।
 कैबिनेट ने पंजाब वित्तीय नियमों को अपडेट करने को भी हरी झंडी दे दी है क्योंकि ये नियम 1984 में बनाए गए थे। इसके अलावा कैबिनेट ने पीआरटीपीडी अधिनियम की धारा 29 (3) में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है। फैक्ट्रियों को तीन से पांच साल के लिए मिलेगा फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट पंजाब कैबिनेट ने आज पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज (फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की वैधता) नियम, 2025 बनाने को भी मंजूरी दे दी। 
इसके साथ ही पहले फैक्ट्रियों में फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट को हर साल रिन्यू करवाना पड़ता था, लेकिन अब राज्य में फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की अवधि तीन से पांच साल की जाएगी। कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इससे फैक्ट्री मालिकों की परेशानी कम होगी।