नशे के खिलाफ जंग: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उच्च स्तरीय बैठक में नई नीति शुरू करने की घोषणा की

चंडीगढ़, 28 फरवरी - पंजाब सरकार का पूरा ध्यान इस समय नशे की बुराई पर अंकुश लगाने तथा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्रभावी एवं कुशल नीति तैयार करने पर है। इस संदर्भ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी से मुलाकात की।

चंडीगढ़, 28 फरवरी - पंजाब सरकार का पूरा ध्यान इस समय नशे की बुराई पर अंकुश लगाने तथा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्रभावी एवं कुशल नीति तैयार करने पर है। इस संदर्भ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी से मुलाकात की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारियों के साथ नई नशा निवारण एवं पुनर्वास नीति पर चर्चा की तथा उन्हें राज्य को नशे की बुराई से मुक्त करने के लिए इस नीति को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि नशा तस्करों की संपत्ति जब्त की जाएगी और जरूरत पड़ी तो उन पर बुलडोजर भी चलाया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों और एसएसपी को सहयोग करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मादक पदार्थ के हॉटस्पॉट की पहचान करेगी, आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ेगी और मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मादक पदार्थ तस्करों की संपत्ति जब्त कर नष्ट कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री मान ने उपायुक्तों से नशे के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन बनाने की अपील की।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर अंकुश लगाने के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कैबिनेट उप समिति का गठन किया था। समिति के अन्य सदस्यों में मंत्री अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, लालजीत सिंह भुल्लर और तरनप्रीत सिंह सोंध शामिल हैं।
स्मरण रहे कि पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब सरकार को नशे के मुद्दे पर जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा था। जानकारी के अनुसार, आज की बैठक में जेल, खेल, रोजगार एवं कौशल विकास, स्वास्थ्य और गृह विभाग के अधिकारियों के अलावा डीजीपी गौरव यादव के नेतृत्व में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।