
जिले के 5 प्राथमिक स्कूलों को स्कूल ऑफ हैप्पीनेस बनाया जाएगा
साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 29 जनवरी, 2025: जिले के 5 प्राथमिक स्कूलों को स्कूल ऑफ हैप्पीनेस बनाया जाएगा, जिसके तहत प्रत्येक स्कूल के बुनियादी ढांचे को लगभग 40 लाख रुपये की लागत से अपग्रेड किया जाएगा।
साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 29 जनवरी, 2025: जिले के 5 प्राथमिक स्कूलों को स्कूल ऑफ हैप्पीनेस बनाया जाएगा, जिसके तहत प्रत्येक स्कूल के बुनियादी ढांचे को लगभग 40 लाख रुपये की लागत से अपग्रेड किया जाएगा।
यह जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) प्रेम कुमार मित्तल ने एसडीएम दमनदीप कौर द्वारा आयोजित जिला शिक्षा विकास समिति की बैठक में दी। इन स्कूलों में भगवास, बार माजरा, पडोल, झंजेरी और मानक माजरा शामिल हैं। स्कूल ऑफ हैप्पीनेस - स्कूलों के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं, मानव संसाधन, बुनियादी शिक्षा की उपलब्धि और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एसडीएम दमनदीप कौर ने जिला शिक्षा विकास समिति की बैठक के दौरान समग्र शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील स्कीम के तहत चल रही विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) प्रेम मित्तल ने उपमंडलाधीश को अवगत करवाया कि स्कूलों के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत सिविल कार्यों के तहत विभिन्न अनुदान प्राप्त हुए हैं, जिसमें अक्तूबर व नवंबर 2024 के दौरान वर्ष 2023-24 के अतिरिक्त अनुदान के तहत 67 कार्यों के लिए 556.32 लाख रुपये के अनुदान में से 467.26 लाख रुपये का अनुदान खर्च किया जा चुका है, शेष 89.06 लाख रुपये का अनुदान 28 फरवरी 2025 तक खर्च कर दिया जाएगा तथा निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसी प्रकार नवंबर 2024 के दौरान 125.82 लाख रुपये का अनुदान स्कूलों के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए प्राप्त हुआ है।
वर्ष 2024-25 में 189 विभिन्न गतिविधियों (जैसे अतिरिक्त कमरे, कला एवं शिल्प कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, लड़कियों एवं लड़कों के शौचालय, प्रमुख जीर्णोद्धार, विज्ञान प्रयोगशाला आदि) के निर्माण कार्यों के लिए 645.64 लाख रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 622.06 लाख रुपये का अनुदान व्यय किया जा चुका है, जबकि शेष 23.58 लाख रुपये का अनुदान 28 फरवरी 2025 तक पूर्ण रूप से व्यय कर दिया जाएगा।
नाबार्ड योजना के अंतर्गत अतिरिक्त कक्षाओं एवं इंटरएक्टिव पैनल के लिए नाबार्ड 27-बी के अंतर्गत प्राप्त अनुदान 410.10 लाख रुपये व्यय किया जा चुका है तथा अतिरिक्त कक्षाओं के लिए नाबार्ड 29 के अंतर्गत प्राप्त अनुदान 116.47 लाख रुपये व्यय किया जा चुका है तथा कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने आगे बताया कि मंगलवार 11 फरवरी को पंजाब राज्य के सभी सरकारी स्कूलों (प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी) में मेगा एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) मीटिंग की जानी है, जिसका थीम 'स्कूल स्वच्छता शिक्षा संवर्धन' रहेगा। जिले के स्कूलों में मिड-डे मील के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में यूकेजी, पहली से पांचवीं और छठी से आठवीं कक्षाओं में पढ़ने वाले 88532 बच्चों के मिड-डे मील के लिए पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही के अनाज का वितरण एफसीआई विभाग द्वारा किया जा चुका है और चौथी तिमाही के अनाज का निरीक्षण एफसीआई द्वारा किया जा चुका है और अभी वितरित किया जाना बाकी है। भोजन के साथ-साथ हर शनिवार को मिड-डे मील मेन्यू में फल (प्रत्येक को एक केला) भी दिया जाता है।
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में दाखिला लेने वाले विशेष जरूरतों वाले बच्चों, जो घर आधारित शिक्षा के तहत आते हैं, को पीएम पोषण योजना के तहत मिड-डे मील देने की सुविधा शुरू की गई है। इस अवसर पर एसडीएम डेराबस्सी अमित गुप्ता भी मौजूद थे।
