राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी

पटियाला, 30 दिसंबर- पंजाब सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से हाल ही में कुछ सौ डॉक्टरों की भर्ती की है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, खासकर विशेषज्ञ डॉक्टरों की अभी भी भारी कमी है, जिसका खामियाजा अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

पटियाला, 30 दिसंबर- पंजाब सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से हाल ही में कुछ सौ डॉक्टरों की भर्ती की है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों, खासकर विशेषज्ञ डॉक्टरों की अभी भी भारी कमी है, जिसका खामियाजा अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। 
एक अनुमान के अनुसार सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में करीब 1,250 मेडिकल अफसरों और 2,690 विशेषज्ञों की भारी कमी है और पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया था और इस और अन्य मांगों को लेकर राज्य स्तरीय हड़ताल भी की थी। जहां तक मेडिकल विशेषज्ञों की बात है, स्वीकृत पदों के मुकाबले 1,554 पद खाली हैं। पंजाब में विशेषज्ञों के सरकारी नौकरियों से दूर रहने का मुख्य कारण कम पारिश्रमिक बताया जा रहा है। इसके अलावा पोस्टमार्टम, मेडिको-लीगल कार्य और आपातकालीन सेवाओं में भी अतिरिक्त ड्यूटी करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया जाता है।
 हाल ही में डॉक्टरों की हड़ताल के बाद पंजाब में लंबे समय से प्रतीक्षित डॉक्टरों की भर्ती के पहले चरण में 304 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए, लेकिन अभी तक इनमें से एक तिहाई डॉक्टरों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर इन डॉक्टरों को 3 जनवरी तक नौकरी ज्वाइन करने को कहा है, अन्यथा उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन ने कहा है कि डॉक्टरों की मुख्य मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। राज्य में डॉक्टरों को समय पर पदोन्नति नहीं मिल रही है। 
इसी तरह, उनके वेतन में भी वृद्धि नहीं हो रही है। यही कारण है कि राज्य में डॉक्टर काम करने को तैयार नहीं हैं। डॉक्टरों की कमी और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार न होने का कारण राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच फंसा 'पेक' भी है केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वास्थ्य केंद्रों का नाम बदलकर 'आम आदमी क्लीनिक' करने के बाद केंद्र ने फरवरी 2023 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य को मिलने वाली करीब 1200 करोड़ रुपये की बड़ी रकम रोक दी थी|
 लेकिन अब राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि 2403 स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों, 466 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 242 शहरी आम आदमी क्लीनिकों का नाम बदलकर आयुष आरोग्य मंदिर कर दिया जाए। अभी तक ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन पिछले महीने केंद्र ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 123 और 164 करोड़ रुपये की दो किस्तें जारी कर दी हैं। राज्य सरकार अब उपकेंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार अपग्रेड कर रही है।