पशु चिकित्सा और चिकित्सा संस्थानों ने बूचड़खाना श्रमिकों के स्वास्थ्य मुद्दों पर कार्यशाला आयोजित की

लुधियाना 16 अक्टूबर 2024- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना और दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्वास्थ्य पेशेवरों ने नगर निगम स्लॉटरहाउस, चंडीगढ़ के श्रमिकों को जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। नगर निगम, चंडीगढ़ और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला का विषय 'पशु-मानव संपर्क में पशु-से-मानव रोग संचरण के लिए निगरानी ढांचे का विकास' था। कार्यशाला में 30 से अधिक बूचड़खाना श्रमिकों ने भाग लिया। उन्हें स्वच्छता के महत्व और जानवरों से मनुष्यों में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के बारे में बताया गया।

लुधियाना 16 अक्टूबर 2024- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना और दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्वास्थ्य पेशेवरों ने नगर निगम स्लॉटरहाउस, चंडीगढ़ के श्रमिकों को जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। नगर निगम, चंडीगढ़ और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला का विषय 'पशु-मानव संपर्क में पशु-से-मानव रोग संचरण के लिए निगरानी ढांचे का विकास' था। कार्यशाला में 30 से अधिक बूचड़खाना श्रमिकों ने भाग लिया। उन्हें स्वच्छता के महत्व और जानवरों से मनुष्यों में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के बारे में बताया गया।
 कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ इंद्रदीप कौर, मेडिकल ऑफिसर, नगर निगम, चंडीगढ़ ने की। उन्होंने कहा कि हम होशियार और जागरूक रहकर ऐसी बीमारियों और परेशानियों से बच सकते हैं। डॉ जसबीर सिंह बेदी, निदेशक, सेंटर फॉर वन हेल्थ, वेटरनरी विश्वविद्यालय और डॉ. दीपाली कलांबे ने इन श्रमिकों को जानवरों के साथ काम करते समय बचाव के तरीकों के बारे में बताया। डॉ वीनू गुप्ता, दयानंद मेडिकल कॉलेज ने हाथों की स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ हरमनमीत कौर, नई दिल्ली ने उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं स्वास्थ्यवर्धक मांस की आपूर्ति के संबंध में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। डॉ गौरव लखनपाल, पशु चिकित्सा अधिकारी ने सभी विशेषज्ञों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया कि हितधारक एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए हैं।
  डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने सेंटर फॉर वन हेल्थ के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इससे बूचड़खाने के श्रमिकों को बहुत फायदा होगा और वे अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जागरूक होंगे।