
मुलाकात को रद्द करना आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुरूप - राज्यपाल कार्यालय
चंडीगढ़, 11 अप्रैलः प्रशासक द्वारा ‘मेयर से मिलने से इनकार’ संबंधी चंडीगढ़ के मेयर श्री कुलदीप कुमार का प्रेस वक्तव्य निंदनीय है। निर्धारित मुलाकात से एक घंटा पहले उन्हें इसके रद्द होने की जानकारी दे दी गयी थी। मेयर ने मुलाकात के किसी विशेष उद्देश्य का उल्लेख किए बिना, राज्यपाल के कार्यालय से ‘शिष्टाचार भेंट’ (अनुरोध की प्रति संलग्न) के रूप में मुलाकात का समय मांगा था।
चंडीगढ़, 11 अप्रैलः प्रशासक द्वारा ‘मेयर से मिलने से इनकार’ संबंधी चंडीगढ़ के मेयर श्री कुलदीप कुमार का प्रेस वक्तव्य निंदनीय है। निर्धारित मुलाकात से एक घंटा पहले उन्हें इसके रद्द होने की जानकारी दे दी गयी थी। मेयर ने मुलाकात के किसी विशेष उद्देश्य का उल्लेख किए बिना, राज्यपाल के कार्यालय से ‘शिष्टाचार भेंट’ (अनुरोध की प्रति संलग्न) के रूप में मुलाकात का समय मांगा था।
सुबह मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह बात सामने आई कि मेयर की इच्छा प्रशासक के साथ प्रत्येक घर को 20,000 लीटर मुफ्त पानी, पानी की दरों में वार्षिक बढ़ोतरी और अन्य विकासात्मक कार्यों सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने की थी। मुलाकात रद्द होने के बावजूद मेयर पंजाब राजभवन पहुंचे, जहां उन्हें फिर से यह समझाया गया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण ऐसे किसी भी एजेंडे पर चर्चा नहीं की जा सकती। चूंकि यह जानकारी मुलाकात से एक घंटे पहले उनके साथ साझा की गई थी, इसलिए उनके पंजाब राजभवन जाने का कोई कारण नहीं बनता था।
यदि राज्यपाल का मेयर से मिलने का कोई इरादा नहीं होता तो उन्होंने मेयर को मुलाकात का समय ही नहीं दिया होता; शिष्टाचार भेंट की आड़ में मुलाकात के उनके वास्तविक इरादे संबंधी पढ़ने के बाद ही मुलाकात रद्द की गई। मेयर के मीडिया बयान के मद्देनजर, तथ्यों का स्पष्ट होना आवश्यक है; इसलिए यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
