वेटरनरी विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया

लुधियाना 09 जनवरी 2024 - गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल की कार्यशील इकाई द्वारा छोटे साहिबजादे बाबा फतेह सिंह और बाबा जोरावर सिंह की शहादत को समर्पित एक रक्तदान शिविर का आयोजन दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सहयोग से किया गया। यूनिवर्सिटी  के 80 विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने रक्तदान किया। 

लुधियाना 09 जनवरी 2024 - गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल की कार्यशील इकाई द्वारा छोटे साहिबजादे बाबा फतेह सिंह और बाबा जोरावर सिंह की शहादत को समर्पित एक रक्तदान शिविर का आयोजन दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सहयोग से किया गया। यूनिवर्सिटी  के 80 विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने रक्तदान किया।  इस शिविर का उद्घाटन करते हुए  डॉ इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने कहा कि इस तरह के रक्तदान शिविर का आयोजन कर हम महान शहीदों की मानव सेवा की भावना को समाज में ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म, जाति और भेदभाव से ऊपर उठकर रक्तदान करना एक महान सेवा है। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल और दयानंद मेडिकल कॉलेज के सहयोग से इस महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए रक्तदान स्वयंसेवकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रक्त का कोई अन्य विकल्प नहीं है, यह दान किया गया रक्त मनुष्य के लिए जीवनदायी बन जाता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि हमें यह शिविर हर वर्ष आयोजित करना चाहिए।
डॉ सर्वप्रीत सिंह घुम्मन, निदेशक छात्र कल्याण  ने रक्तदाताओं को जीवन के वास्तविक नायकों के रूप में स्थापित किया। गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल की विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष डॉ. जसपाल सिंह हुंदल और महासचिव डॉ प्रबजीत सिंह ने छात्रों को इस तरह के सकारात्मक कार्यों के लिए अपनी ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। इस इकाई के छात्र स्वयंसेवक, जुझार सिंह, सहजबीर सिंह, लगन वर्मा और सिमरनजीत कौर ने इस मूल्यवान सेवा में योगदान दिया और अन्य छात्रों को भी प्रोत्साहित किया।
दयानंद मेडिकल कॉलेज के डॉ. जैनत मैरी जॉन और डॉ. श्रिया ठकुराल की टीम की देखरेख में यह शिविर पूरा किया गया । उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है और हम बुढ़ापे के कई प्रभावों से भी बचे रहते हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, छात्र और शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।