अखिल भारतीय आदि धर्म मिशन, संतों ने संत सरवन दास सलेमटावरी को किया सम्मानित

24 फरवरी होशियारपुर- सचखंड निवासी ब्रह्मलीन संत टहल दास जी की पुण्यतिथि डेरा संत टहल दास में देश-विदेश से आई संगतों द्वारा वर्तमान पदस्थ संत सरवन दास सीनियर उपाध्यक्ष गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी की अगुआई में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर रागी, ढाडी, कविश्री जत्थों व संत महापुरुषों ने शबद कीर्तन, कथा व गुरमीत विचारों से संगतों को निहाल किया।

24 फरवरी होशियारपुर- सचखंड निवासी ब्रह्मलीन संत टहल दास जी की पुण्यतिथि डेरा संत टहल दास में देश-विदेश से आई संगतों द्वारा वर्तमान पदस्थ संत सरवन दास सीनियर उपाध्यक्ष गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी की अगुआई में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर रागी, ढाडी, कविश्री जत्थों व संत महापुरुषों ने शबद कीर्तन, कथा व गुरमीत विचारों से संगतों को निहाल किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय आदि धर्म मिशन (रजि.) भारत, गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी तथा विभिन्न संप्रदायों ने राष्ट्र के महान विचारक, उपदेशक तथा कथावाचक संत सरवन दास सलेमटावरी लुधियाना को श्री चरणछोह गंगा सचखंड खुरालगढ़ साहिब के लिए उनकी महान सेवाओं के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया। 
इस अवसर पर संत निर्मल दास बाबा जोर, अध्यक्ष गुरु रविदास साधु संप्रदाय सोसायटी पंजाब ने कहा कि संत सरवन दास ने लगातार 13 वर्षों तक श्री चरणछोह गंगा के लिए संतों का एक बड़ा समूह संगठित किया तथा समाचार पत्रों, मीडिया तथा दूरदर्शन के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार किया, जिसके कारण आज देश-विदेश की संगत को सतगुरु रविदास महाराज जी की धरती के बारे में जानकारी मिली। 
उन्होंने कहा कि आज निजी स्वार्थ के लालच में कुछ स्वार्थी लोगों ने वैश्विक गुरु घर को अपने घरों तक सीमित कर लिया है तथा देश-विदेश की संगत द्वारा श्री गुरु रविदास बेगमपुरा सदन के लिए खरीदी गई जमीन पर भी कब्जा कर रहे हैं, जो राष्ट्र के बच्चों के लिए खोले जाने वाले शिक्षा के मंदिरों में बहुत बड़ी बाधा व धोखा है। 
उन्होंने कहा कि संगत अब गुरु घर के नाम पर कारोबार व दुकानें चलाने वाले राष्ट्र विरोधी लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस अवसर पर संत इंदर दास सेखाई महासचिव ने कहा कि संतों व महापुरुषों द्वारा राष्ट्र के लिए दी गई कुर्बानियां व्यर्थ नहीं जाएंगी, श्री गुरु रविदास सदन खुरालगढ़ विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ स्नान स्थल बनेगा। 
इस अवसर पर संत सतविंदर हीरा राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया आदि धर्म मिशन ने कहा कि 2009 में जब आशी श्री चरणछोह गंगा गए थे, तब सतगुरु रविदास महाराज जी के स्वरूप को एक फूस की झोपड़ी में रखा गया था, साथ ही कुछ महापुरुषों के साथ मिलकर नए निर्माण, बिजली, पानी, संगत के लिए लंगर व रहने की व्यवस्था के लिए प्रयास शुरू किए गए थे। 
उन्होंने संत सरवण दास महाराज जी से अनुरोध किया कि वे गुरु रविदास महाराज जी के चरणछोह को जन-जन तक प्रचारित व प्रसारित करें, जिन्होंने 13 वर्षों तक दिन-रात मेहनत की और आज श्री चरणछोह गंगा विश्व के मानचित्र पर प्रकट हुई है। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि जिन्होंने संत सरवण दास को धर्म गुरु की उपाधि दी, उन्होंने पीठ में छुरा घोंपकर तथा झूठ व छल का मुखौटा पहनकर गुरु घर पर कब्जा कर लिया है और लाखों श्रद्धालुओं की सामाजिक व धार्मिक भावनाओं को कुचला है। 
उन्होंने कहा कि संतों, महापुरुषों के आशीर्वाद व गुरु रविदास का नाम लेने वाले सभी श्रद्धालुओं के सहयोग से हम शीघ्र ही श्री चरणछोह गंगा खुरालगढ़ को मुक्त करवाकर श्रद्धालुओं को सौंप देंगे। इस अवसर पर संत धर्मपाल शेरगढ़, संत जगीर सिंह नंदाचौर, संत परमजीत दास नागर, संत बलवंत दास डिंगरियां, संत राम सेवक हरिपुर खालसा, संत कुलदीप दास बस्सी मारूफ, संत मनजीत दास विछोही ने भी कथाओं व गुरमत विचारों से मनोरंजन किया।
 संत सरवन दास ने धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों को भी सम्मानित किया। इस मौके पर पार्षद आराधना अटवाल, इंस्पेक्टर बिपन अटवाल, कमल जनागल, जिंदर सिद्धू, नरेश बसरा, बलबीर महे भी मौजूद रहे।