सिक्किम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है केंद्र सरकार, आपदा प्रभावित राज्य को 44.8 करोड़ रुपये देगी: अमित शाह

ई दिल्ली: सिक्किम में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. तीस्ता नदी में आई बाढ़ से सेना के 6 जवानों समेत 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. विपदा की इस घड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की मदद के लिए सरकारी खजाने के दरवाजे खोल दिये हैं.सरकार सिक्किम को 44.8 करोड़ रुपये देगी

नई दिल्ली: सिक्किम में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. तीस्ता नदी में आई बाढ़ से सेना के 6 जवानों समेत 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. विपदा की इस घड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की मदद के लिए सरकारी खजाने के दरवाजे खोल दिये हैं.
सरकार सिक्किम को 44.8 करोड़ रुपये देगी
अमित शाह ने सिक्किम में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम का भी गठन किया गया है.
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने टीम का गठन किया है. बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए टीम जल्द ही सिक्किम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी.
केंद्र ने सिक्किम को एसडीआरएफ की केंद्रीय किश्त की दोनों किश्तें यानी 44.8 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केंद्र ने सिक्किम को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सिक्किम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.
बता दें कि 4 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था. इसके कारण कई पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग-10 और चुंगथांग बांध के कुछ हिस्से बह गए. बाढ़ से कई विकास परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं. केंद्र राज्य की स्थिति पर नजर रखे हुए है.
केंद्र समय पर रसद संसाधन जुटाकर सिक्किम सरकार की मदद कर रहा है। इसके अलावा राज्य में एनडीआरएफ, भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर और सेना के जवानों की पर्याप्त टीमें तैनात की गई हैं। बिजली, दूरसंचार और सड़क, राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय की तकनीकी टीमें राज्य में पटरी से उतरे बुनियादी ढांचे और संचार नेटवर्क को दुरुस्त करने में जुटी हैं।