
इफ्टू ने पंजाब श्रम आयुक्त कार्यालय के समक्ष राज्य स्तरीय धरना दिया
4 मार्च मोहाली- निर्माण मजदूरों की मांगों को लेकर निर्माण मजदूर यूनियन (इफ्टू) पंजाब ने आज मोहाली स्थित पंजाब श्रम आयुक्त कार्यालय के समक्ष राज्य स्तरीय धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए इफ्टू पंजाब के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच, राज्य सचिव राज सिंह मलौट, अवतार सिंह तारी व जुगिंदरपाल गुरदासपुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले मजदूर समर्थक श्रम कानूनों को खत्म करके उनकी जगह चार मजदूर विरोधी व कॉरपोरेट समर्थक श्रम संहिताएं लागू की हैं।
4 मार्च मोहाली- निर्माण मजदूरों की मांगों को लेकर निर्माण मजदूर यूनियन (इफ्टू) पंजाब ने आज मोहाली स्थित पंजाब श्रम आयुक्त कार्यालय के समक्ष राज्य स्तरीय धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए इफ्टू पंजाब के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच, राज्य सचिव राज सिंह मलौट, अवतार सिंह तारी व जुगिंदरपाल गुरदासपुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले मजदूर समर्थक श्रम कानूनों को खत्म करके उनकी जगह चार मजदूर विरोधी व कॉरपोरेट समर्थक श्रम संहिताएं लागू की हैं।
जिन्हें मोदी सरकार इसी साल अप्रैल में पूरे देश में लागू करने जा रही है। इन चार श्रम संहिताओं के लागू होने से भवन व अन्य निर्माण (बीओसी) से जुड़े मजदूरों की सभी कल्याणकारी योजनाएं बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों का मामला समवर्ती सूची का मामला है। इसलिए पंजाब सरकार को इन चारों श्रम संहिताओं के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लाकर इन्हें निरस्त करना चाहिए।
ये श्रम संहिताएं मजदूरों के मौलिक अधिकारों पर घातक हमला हैं। उन्होंने श्रम विभाग और बीओसी में पर्याप्त कर्मचारियों की भर्ती की मांग करते हुए कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण मजदूरों के कई मामले लंबित हैं। उन्होंने मांग की कि बीओसी बोर्ड में दो यूनियन प्रतिनिधि नियुक्त किए जाएं, श्रम विभाग ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन काम भी शुरू करे, पंजाब में न्यूनतम वेतन लागू किया जाए और महंगाई के हिसाब से बढ़ाया जाए, यूनियन का 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन किया जाए, प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर होम बनाए जाएं, निर्माण मजदूर की मौत पर मुआवजा बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में श्रम विभाग के कई कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए हैं। जहां मजदूरों का काम सही तरीके से और नियमों के मुताबिक नहीं हो रहा है। मजदूरों को अपना काम करवाने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मजदूरों के रजिस्ट्रेशन में बाधाएं पैदा की जा रही हैं। उनकी कल्याणकारी योजनाओं का पैसा उनके खातों में जमा नहीं किया जा रहा है। जबकि श्रम विभाग के बीओसी बोर्ड ने मजदूरों के कल्याण के लिए करीब 1400 करोड़ रुपये जमा करवा रखे हैं।
जिसे कानून के अनुसार मजदूरों के कल्याण के अलावा कहीं और इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मजदूरों के इस कल्याण कोष पर श्रम विभाग बैठा हुआ है। इस समागम को रमेश नूरपुर बेदी, हरदीप पनेसर नवांशहर, जगसीर मुक्तसर, बलविंदर सिंह चमकौर साहिब, डेमोक्रेटिक कर्मचारी फ्रंट के नेता मलागर सिंह, अवतार सिंह फाजिल्का, हरभजन सिंह मानसा, हरी सिंह लुधियाना, कुलवंत सिंह तरसेम जट्टपुर व दिलीप फाजिल्का, कुलवंत सिंह मोगा, दलजीत सिंह बठिंडा, दविंदर कुमार जलालाबाद, भजन लाल फाजिल्का, सुखदेव सिंह गुरदासपुर, विजय पठानकोट ने भी संबोधित किया।
बाद में प्रदर्शन के बाद श्रम मंत्री पंजाब के नाम श्रम विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। अधिकारियों ने 18 मार्च को यूनियन के प्रमुख सचिव के साथ बैठक तय की।
