
'ओलावृष्टि, तूफान और आग से किसानों को भारी नुकसान, सरकार से प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजे की मांग, अब सरकार ले जिम्मेदारी'
चंडीगढ़, 22 अप्रैल: पंजाब में जब से कटाई का मौसम शुरू हुआ है, गेहूं में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके बाद किसान सरकार से अपने नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस अवसर पर सुखपाल खैहरा ने कहा कि राज्य के विभिन्न भागों में आग, बारिश व ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
चंडीगढ़, 22 अप्रैल: पंजाब में जब से कटाई का मौसम शुरू हुआ है, गेहूं में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके बाद किसान सरकार से अपने नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस अवसर पर सुखपाल खैहरा ने कहा कि राज्य के विभिन्न भागों में आग, बारिश व ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
खैरा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कड़ी निंदा की, जो खराब मौसम से प्रभावित किसानों की दुर्दशा को दूर करने में विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष में रहते हुए आप नेता अक्सर फसल क्षति के लिए अपर्याप्त मुआवजे की आलोचना करते थे, लेकिन उनकी सरकार पिछले तीन वर्षों के शासन के दौरान किसानों को पर्याप्त राहत प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है।
हाल ही में ओलावृष्टि, तूफान और आग के कारण खड़ी गेहूं की फसल और मंडियों में कटे हुए अनाज को हुए नुकसान का हवाला देते हुए खैरा ने प्रभावित किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की, ताकि वे वित्तीय संकट से बाहर आ सकें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को नुकसान का पारदर्शी और त्वरित आकलन करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुआवजा बिना किसी देरी के प्रत्येक प्रभावित किसान तक पहुंचे।
खैरा ने कहा कि तूफान और ओलावृष्टि ने बरनाला, मानसा और संगरूर जैसे जिलों में फसलों को नष्ट कर दिया है, जबकि आग और अचानक बारिश ने मंडियों में कटाई की हुई गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया है। आप सरकार इस संकट की ओर से आंखें मूंद नहीं सकती। किसानों को न्याय और उचित मुआवजा चाहिए, खोखले वादे नहीं
खैरा ने कहा कि आप सरकार को बहाने बनाना बंद कर जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम किसानों के लिए तत्काल राहत के रूप में 50,000 रुपये प्रति एकड़ तथा भविष्य में इस तरह के नुकसान को रोकने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की मांग करते हैं।
