इस भौतिक संसार में हर जीवन में अशांति का माहौल है - साध्वी अंजलि भारती।

होशियारपुर - दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम द्वारा गौतम नगर में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सत्संग प्रवचन का लाभ उठाया। जिसमें श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री अंजलि भारती ने बताया कि इस भौतिक संसार में प्रत्येक जीवन में अशांति का माहौल है।

होशियारपुर - दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम द्वारा गौतम नगर में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सत्संग प्रवचन का लाभ उठाया। जिसमें श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री अंजलि भारती ने बताया कि इस भौतिक संसार में प्रत्येक जीवन में अशांति का माहौल है।
यह बेचैनी संसार के किसी भी भोग से दूर नहीं हो सकती। ज्ञान के अभाव में आत्मा राग-द्वेष, मोह-माया के गहन अंधकार में भटकती रहती है। जब तक उसे आत्मज्ञान का प्रकाश प्राप्त नहीं होगा, वह इसी प्रकार भटकता रहेगा। 
साध्वी जी ने कहा कि आज मनुष्य अपना परम लक्ष्य भूल गया है। उसने स्वयं को अपनी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति तक ही सीमित और सीमित कर लिया है। वह अपनी भौतिक आवश्यकताओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए सांसारिक वस्तुओं की प्राप्ति में पूरी तरह से लीन रहता है। भौतिक समृद्धि के बावजूद
शाश्वत शांति और आनन्द उसकी पकड़ से फिसल रहे हैं। वास्तव में, सच्चा सुख सुन्दर शरीर या सुंदरता नहीं है।
यह भौतिक समृद्धि में नहीं है। यह व्यक्ति की आंतरिक स्थिति पर निर्भर करता है। 
यह कितने दुःख की बात है कि मनुष्य जन्म पाकर भी हमने आत्मा को जानने का प्रयास नहीं किया। 
आत्म-साक्षात्कार और ईश्वर प्राप्ति केवल इसी मानव शरीर में ही संभव है। किसी अन्य प्राणी के लिए यह
कोई भाग्य नहीं। इसलिए आज हमें ज्ञान प्राप्ति के लिए अपने प्रयास जारी रखने की जरूरत है। यह तब होगा जब हम अपनी ऊर्जा को ईश्वर प्राप्ति की ओर मोड़ेंगे। और यह केवल ब्रह्मज्ञान की दीक्षा के बाद ही संभव है। पूर्ण संत द्वारा ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्राप्त करने पर मनुष्य भीतर से जागृत हो जाता है और यह मोक्ष प्राप्ति की ओर पहला कदम है।