
संयुक्त किसान मोर्चा और आईएफटीयू ने मनाया कॉरपोरेट विरोधी दिवस
नवांशहर: संयुक्त किसान मोर्चा और इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (आईएफटीयू) ने मोदी सरकार के तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान घोल की चौथी वर्षगांठ पर कॉरपोरेट विरोधी दिवस मनाया. नवांशहर में आयोजित रैली की शुरुआत में किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए 700 खेत मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई.
नवांशहर: संयुक्त किसान मोर्चा और इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (आईएफटीयू) ने मोदी सरकार के तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान घोल की चौथी वर्षगांठ पर कॉरपोरेट विरोधी दिवस मनाया. नवांशहर में आयोजित रैली की शुरुआत में किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए 700 खेत मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई.
कीर्ति किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुरिंदर सिंह बैंस, सूबा कमेटी सदस्य भूपिंदर सिंह वड़ैच, महिला विंग की जिला अध्यक्ष सुरजीत कौर उत्तल, राष्ट्रीय किसान यूनियन के नेता निर्मल सिंह, भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) के राज्य महासचिव रणजीत सिंह रटेंड़ा किसान यूनियन (राजेवाल) गुरमुख सिंह बल्ल, बीकेयू (कादियों के नेता सुखविंदर सिंह बल्लोवाल, आईएफटीयू के राज्य) अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच, राज्य संयुक्त सचिव अवतार सिंह तारी, राज्य प्रेस सचिव इफ्टू जसबीर दीप, न्यू ऑटो यूनियन के जिला अध्यक्ष पुनीत बछौरी, रेहड़ी वर्कर्स यूनियन के नेता हरिलाल, जुगाडू रेहड़ा यूनियन के अध्यक्ष निक्कू जेम्स मसीह, बीर बहादुर, प्रवासी मजदूर यूनियन नेता शिव नंदन और ओम प्रकाश, किसान नेता परमजीत सिंह शहाबपुर ने सम्बोधन किया.
उन्होंने सभी फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी रूप से लागू करने; चार श्रम कोड निरस्त करने; आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी व्यवस्था को ख़त्म करने; सभी के लिए रोजगार सुनिश्चित करने; किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने; अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद करने; मनरेगा के तहत साल में 200 दिन का काम और 600 रुपये प्रतिदिन; 60 साल की उम्र में 10000 मासिक पेंशन; कॉर्पोरेट-समर्थक और सांप्रदायिक नीतियों को निरस्त करने; महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने; धान खरीदी के समय नमी की लगाई गई काट किसानों को देना; काट काटने वाले आरतियों के लाइसेंस रद्द करने; किसानों को लूटने वाले शैलर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बाद में शहर में प्रदर्शन कर देश के राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को मांग पत्र सौंपा गया.
