
घोड़े के अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोग का शीघ्र निदान और बेहतर पोषण महत्वपूर्ण
लुधियाना 15 मई 2025: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने घोड़ों की उचित देखभाल के बारे में जानकारी देने के लिए पंजाब के घोड़ा प्रजनकों की एक बैठक आयोजित की। डॉ. परमिंदर सिंह अतिरिक्त निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि घोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बीमारियों का शीघ्र उपचार और अच्छा पोषण बहुत महत्वपूर्ण बिंदु हैं।
लुधियाना 15 मई 2025: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने घोड़ों की उचित देखभाल के बारे में जानकारी देने के लिए पंजाब के घोड़ा प्रजनकों की एक बैठक आयोजित की। डॉ. परमिंदर सिंह अतिरिक्त निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि घोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बीमारियों का शीघ्र उपचार और अच्छा पोषण बहुत महत्वपूर्ण बिंदु हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में बेहतर नस्ल के घोड़े पैदा करने के लिए अच्छे संसाधन, बुनियादी ढांचा, अनुसंधान सुविधाएं और विभिन्न विभागों और संस्थानों का संयोजन है। उन्होंने घोड़ा प्रजनकों को शुद्ध नस्ल के घोड़े पालने तथा उन्हें बेचने के लिए प्रोत्साहित किया। विश्वविद्यालय इस कार्य के लिए उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहेगा।
डॉ. अरुण आनंद, विभागाध्यक्ष, वेटरनरी सर्जरी विभाग ने बताया कि घोड़ों में शूल रोग बहुत ही दर्दनाक और खतरनाक बीमारी है। इसलिए हमें सुरक्षा के लिए पहले से ही सावधानी बरतनी चाहिए। यदि यह समस्या उत्पन्न हो तो तत्काल उपचार उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। डॉ. आनंद ने इस समस्या के समाधान के लिए विश्वविद्यालय में उपलब्ध उपचार सुविधाओं की भी जानकारी दी। डॉ. अमित शर्मा ने घोड़ों के समग्र विकास के लिए आहार प्रबंधन पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बछड़ों के लिए खुराक तैयार करने के बारे बताया ताकि उन्हें संतुलित और पौष्टिक आहार मिल सके। इस सम्मेलन में पंजाब के विभिन्न भागों से लगभग 60 घोड़ा प्रजनकों ने भाग लिया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक एवं पशु चिकित्सक भी उपस्थित थे।
प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों के साथ आहार और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रतिभागियों को विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रकाशित साहित्य और टीकाकरण कार्ड भी दिए गए ताकि घोड़ा प्रजनक पूरा रिकॉर्ड रख सकें और अपना ज्ञान भी बढ़ा सकें।
