साहित्य सथ पट्टो द्वारा आयोजित रूबरू एवं सम्मान समारोह यादगार रहा

निहाल सिंह वाला, 3 मई- साहित्य साथ पट्टो हीरा सिंह द्वारा स्थानीय सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल निहाल सिंह वाला में मजदूर दिवस को समर्पित रूबरू एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात उपन्यासकार बलदेव सिंह सड़कनामा, प्रसिद्ध आलोचक डॉ. सुरजीत बराड़ घोलिया, गुरमेल बौडे, लेक्चरर बलबीर कौर रायकोटी एवं साथ अध्यक्ष राजपाल पट्टो थे।

निहाल सिंह वाला, 3 मई- साहित्य साथ पट्टो हीरा सिंह द्वारा स्थानीय सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल निहाल सिंह वाला में मजदूर दिवस को समर्पित रूबरू एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात उपन्यासकार बलदेव सिंह सड़कनामा, प्रसिद्ध आलोचक डॉ. सुरजीत बराड़ घोलिया, गुरमेल बौडे, लेक्चरर बलबीर कौर रायकोटी एवं साथ अध्यक्ष राजपाल पट्टो थे।
इस दौरान प्रसिद्ध कवि चरणजीत समालसर से रूबरू करवाया गया तथा उन्हें स्वर्गीय मास्टर लछमन राम पट्टो की याद में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद कवि गुरबिंदर कौर गिल को पांचवां स्वर्गीय सुरिंदर शर्मा पत्नी कवि पुरुषोत्तम पट्टो पुरस्कार दिया गया। लेखक शिव दयाल रसूलपुरी जालंधर को दूसरा स्वर्गीय हरनवदीप सिंह पुत्र लेखक मंगल मीत पट्टो पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रख्यात लेखक गुरमेल सिंह बौड़े ने मई दिवस और मजदूरों द्वारा लड़े गए संघर्ष पर विस्तृत जानकारी देकर की। डॉ. सुरजीत बराड़ घोलिया ने भी मजदूर दिवस, उनकी कुर्बानियों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए और चरणजीत समालसर के संघर्षपूर्ण जीवन और साहित्यिक सफर पर प्रकाश डाला। 
डॉ. बराड़ ने कहा कि मजदूर दिवस को समर्पित साहित्यिक कार्यक्रम में साहित्य साथ पट्टो ने ऐसे कवि को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित करके सराहनीय कार्य किया है, जिसने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया है और गरीबी के साथ कड़ी मेहनत करके इस मुकाम तक पहुंचा है। अपने व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौरान चरणजीत समालसर ने अपने शैक्षणिक और साहित्यिक सफर के बारे में खुलकर बात की। 
उन्होंने कड़ी मेहनत से लेकर हेडमास्टर तक के सफर और साहित्य के क्षेत्र में अपने योगदान के बारे में अपने जीवन के कई अनुभव साझा किए। इसके साथ ही चरणजीत ने अपनी कुछ कविताएं और गजलें भी सुनाईं। लेक्चरर बलबीर कौर रायकोटी ने महिला अधिकारों के बारे में विस्तार से बात की। अमर घोलिया ने चरणजीत समालसर को दिए जाने वाले पुरस्कार को पढ़ा। इस समय प्रिंसिपल जगतार सैदोके ने अपने विचार पेश किए। सम्मानित कवियत्री गुरबिंदर कौर गिल ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। 
कवि दरबार की शुरुआत डॉ. निर्मल पट्टो ने सुंदर अंदाज में गीत गाकर की। इसके बाद हरिंदर धालीवाल, यश पट्टो, अमरीक सैदोके, जसवन्त राउके, डॉ. सरबजीत कौर बराड़, बीएन शर्मा, जसवीर शर्मा दद्दाहूर, सोनी बाबा मुक्तसर, हरप्रीत पट्टो, डॉ. रमनदीप कौर पट्टो, साथ के संरक्षक परशोतम पट्टो, मंगल मीत पट्टो, गगन नाहर, सरवन पतंग, मिंटू खुरमी, जसवीर कलसी, अवतार समालसर, सीरा ग्रेवाल रौंटा, सुखचैन सिंह किट्टी, सोनी मोगा, जगपालजीत गाजियाना, नाटककार सुखदेव लुधर, निम्रत लुधर, डॉ. राजविंदर रौंटा, अमरजीत कौर, तरसेम गोपी का, मनजीत कौर, कमलजीत कौर, कुलविंदर दिलगीर, गायक कुलदीप भट्टी, अमनदीप कौर पत्तो, मास्टर तनजीत सिंह पत्तो, रणजोध सिंह खोटे, पूर्व सरपंच अमरजीत सिंह पत्तो, कुलदीप सिंह पत्तो, दविंदर सिंह दीदारे वाला, हिंद्री बराड़, रेशम डोडा, निर्मल सिंह रणसिंह कलां आदि ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को प्रभावित किया। 
इसके अलावा बड़ी संख्या में पाठक मौजूद रहे। अंत में मुख्य अतिथि बलदेव सिंह सड़कनामा ने अपने विचार पेश करते हुए कहा कि अगर कोई गीतकार या गायक बनना चाहता है तो वह पट्टो गांव में आकर सीख सकता है।
 उन्होंने कहा कि इस गांव से बत्तीस लेखक हुए हैं। इनमें प्रसिद्ध दिवंगत कहानीकार अजीत सिंह पट्टो, स्वर्गीय डॉ. प्रीतम सिंह पट्टो, स्वर्गीय गीतकार राजू पट्टो आदि शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन सथ के अध्यक्ष राजपाल पट्टो ने आसपास व दूर-दूर से आए सभी साहित्यकारों व श्रोताओं का धन्यवाद करते हुए किया।