विधायक कुलवंत सिंह ने सिटी सर्विलांस एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिए जरूरी ट्रैफिक साइन और स्पीड लिमिट सुनिश्चित करने पर जोर दिया

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 16 मार्च: साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) में हाल ही में शुरू किए गए सिटी सर्विलांस एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में जरूरी ट्रैफिक साइन और बुनियादी जरूरतों की कमी के बारे में शहरवासियों की शिकायतों के बाद विधायक कुलवंत सिंह ने आज जिला प्रशासन के साथ आपात बैठक की और नगर निगम और गमाडा को पुलिस के सहयोग से सड़कों पर तुरंत ट्रैफिक साइन लगाने के निर्देश दिए।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 16 मार्च: साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) में हाल ही में शुरू किए गए सिटी सर्विलांस एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में जरूरी ट्रैफिक साइन और बुनियादी जरूरतों की कमी के बारे में शहरवासियों की शिकायतों के बाद विधायक कुलवंत सिंह ने आज जिला प्रशासन के साथ आपात बैठक की और नगर निगम और गमाडा को पुलिस के सहयोग से सड़कों पर तुरंत ट्रैफिक साइन लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने आज जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, एसएसपी दीपक पारीक तथा नगर निगम कमिश्नर परमिंदर पाल सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए स्पष्ट किया कि सीसीटीवी निगरानी केवल राजस्व वसूली का जरिया नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य आम लोगों को आरामदायक परिवहन सुविधा प्रदान करना होना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि लोगों ने उनके ध्यान में लाया है कि इस नई प्रणाली के कारण जेब्रा क्रॉसिंग, स्टॉप लाइन तथा गति सीमा स्पष्ट न होने के कारण उन्हें असुविधा हो रही है, जिसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन, जिला पुलिस, नगर निगम, गमाडा, नेशनल हाईवे अथॉरिटी तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बैठक करके समयबद्ध तरीके से इसका समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
 विधायक कुलवंत सिंह द्वारा उठाए गए बिंदुओं से सहमति जताते हुए डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर तथा गमाडा को दो सप्ताह के भीतर उपरोक्त सभी कमियों को दूर करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जेब्रा क्रॉसिंग दोनों तरफ से खुली होनी चाहिए तथा उन पर चलने वालों को किसी भी फुटपाथ, पोल या अन्य संरचना के कारण कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। 
उन्होंने स्टॉप लाइनों को नए सिरे से चिह्नित करने के लिए भी कहा ताकि धुंधली लाइनें लोगों को स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकें। डिप्टी कमिश्नर ने चंडीगढ़ की तर्ज पर स्पीड लिमिट साइन बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए ताकि हल्के और भारी वाहनों की स्पीड लिमिट तय हो और लोगों को स्पष्टता हो। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की स्पीड लिमिट नोटिफिकेशन के अनुसार नगर निगमों/नगर पालिकाओं में स्पीड लिमिट अधिकतम 50 किलोमीटर प्रति घंटा तय है, जिसे मोहाली में ट्राइसिटी की तर्ज पर तय किया जाएगा। 
एसएसपी दीपक पारीक ने ट्रैफिक लाइटों की टाइमिंग बढ़ाने/घटाने के कंट्रोल को सोहाना थाने में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इन 17 प्वाइंटों पर आने वाले ट्रैफिक सिग्नलों का कंट्रोल इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के पास आ जाए तो सड़क पर ट्रैफिक को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकेगा। 
डिप्टी कमिश्नर ने ट्रैफिक लाइटों का कंट्रोल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को देने के सुझाव पर विचार करने के लिए नगर निगम कमिश्नर से कहा। इस अवसर पर एसएसपी ने शहर में यातायात के ‘पीक ऑवर्स’ के दौरान अनुभव के आधार पर कुछ सड़कों पर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का भी सुझाव दिया, जिस पर डिप्टी कमिश्नर ने विचार करने का आश्वासन दिया। 
बैठक में एसडीएम मोहाली दमनदीप कौर, एसपी (ट्रैफिक) एचएस मान, कृषि परिवहन अधिकारी प्रदीप सिंह ढिल्लों, कार्यकारी इंजीनियर नगर निगम और कार्यकारी इंजीनियर गमाडा, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि के अलावा जिला सड़क सुरक्षा समिति के गैर-सरकारी सदस्य हरप्रीत सिंह भी मौजूद थे।