
अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने हरजिंदर सिंह धामी से मुलाकात की, एसजीपीसी अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं जारी रखने की अपील की
होशियारपुर- शिरोमणि अकाली दल के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी से मुलाकात की और उनसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं जारी रखने की अपील की। मीडिया को जानकारी देते हुए वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने एडवोकेट धामी से मुलाकात की और उन परिस्थितियों को समझने की कोशिश की, जिसके कारण उन्होंने एसजीपीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।
होशियारपुर- शिरोमणि अकाली दल के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी से मुलाकात की और उनसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं जारी रखने की अपील की।
मीडिया को जानकारी देते हुए वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने एडवोकेट धामी से मुलाकात की और उन परिस्थितियों को समझने की कोशिश की, जिसके कारण उन्होंने एसजीपीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि एडवोकेट धामी ने मानसिक पीड़ा के कारण इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ बातों को दिल पर ले लिया, जिसके कारण उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि हमने एडवोकेट धामी को आश्वासन दिया है कि पूरी पार्टी उनके साथ है और पंथ को इस महत्वपूर्ण समय में उनके नेतृत्व की आवश्यकता है।
डॉ. चीमा ने जोर देकर कहा कि अकाली दल एडवोकेट धामी के इस्तीफे से संबंधित सभी मुद्दों को हल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हम उनसे बात करना जारी रखेंगे और सभी मुद्दों को हल करने के लिए काम करेंगे। डॉ. चीमा ने यह भी कहा कि एडवोकेट धामी ने शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी में बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी योग्यता और ईमानदारी के कारण ही उन्हें अकाली दल और शिरोमणि कमेटी में महत्वपूर्ण पद मिले हैं। उन्होंने कहा कि कई बार संगठनों को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि शिरोमणि कमेटी का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत हुआ है और उसे जत्थेदारों की नियुक्ति संबंधी फैसले लेने होते हैं। इस दौरान उन्होंने एडवोकेट धामी को घर में पोता मिलने पर बधाई भी दी और इस मौके पर अपनी खुशी साझा की। प्रतिनिधिमंडल में जनमेजा सिंह सेखों, हीरा सिंह गाबड़िया, वरिंदर सिंह बाजवा, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, लाली बाजवा और कुलवंत सिंह मनन भी शामिल थे।
