पंजाब विश्वविद्यालय में प्रथम अंतर-विभागीय क्लाइंट परामर्श और मध्यस्थता लेखन प्रतियोगिता में यूआईएलएस के छात्र चमके

चंडीगढ़, 27 जनवरी, 2025- समितंजय शर्मा, नूपुर सांघी और वेदिका तिवारी ने क्लाइंट परामर्श प्रतियोगिता जीती है, जबकि जैद अली और सुहाना बरार ने आर्बिट्रल अवार्ड लेखन प्रतियोगिता जीती है। यह प्रतियोगिता यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस), पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में आयोजित प्रथम अंतर-विभागीय क्लाइंट परामर्श और मध्यस्थता लेखन प्रतियोगिता 2025 में हुई थी।

चंडीगढ़, 27 जनवरी, 2025- समितंजय शर्मा, नूपुर सांघी और वेदिका तिवारी ने क्लाइंट परामर्श प्रतियोगिता जीती है, जबकि जैद अली और सुहाना बरार ने आर्बिट्रल अवार्ड लेखन प्रतियोगिता जीती है। यह प्रतियोगिता यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस), पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में आयोजित प्रथम अंतर-विभागीय क्लाइंट परामर्श और मध्यस्थता लेखन प्रतियोगिता 2025 में हुई थी।
यूआईएलएस के वैकल्पिक विवाद समाधान और क्लाइंट परामर्श बोर्ड (एडीआर और सीसीएल बोर्ड) द्वारा यूआईएलएस के निदेशक और कार्यक्रम की संरक्षक प्रोफेसर डॉ. श्रुति बेदी के मार्गदर्शन में संकाय समन्वयक प्रोफेसर डॉ. सबीना सलीम के साथ आयोजित प्रतियोगिता में 100 से अधिक टीमों ने भाग लिया। शनिवार की देर शाम को कई रोचक दौरों के बाद संपन्न हुए इस कार्यक्रम में उभरते कानूनी दिमागों ने क्लाइंट काउंसलिंग और मध्यस्थता लेखन में अपने कौशल का प्रदर्शन किया।
एक अभूतपूर्व उपलब्धि में, प्रतियोगिता में 458 पंजीकरण हुए, जो प्रतिभागियों के बीच गहरी रुचि और उत्साह को दर्शाता है। दोनों प्रतियोगिताओं में से प्रत्येक में कुल 50 टीमों ने भाग लिया: क्लाइंट काउंसलिंग प्रतियोगिता और मध्यस्थता लेखन प्रतियोगिता, जो एक महत्वपूर्ण उपस्थिति को दर्शाता है।
अंतिम दौर और समापन समारोह में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति माननीय न्यायमूर्ति विनोद भारद्वाज की गरिमामयी उपस्थिति देखी गई, जिन्होंने इस अवसर को मुख्य अतिथि के रूप में सुशोभित किया। प्रतियोगिता में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राज राहुल गर्ग और वरिष्ठ अधिवक्ता आशीष चोपड़ा की भी गरिमामयी उपस्थिति देखी गई, जिन्होंने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्य किया।
समापन समारोह की अध्यक्षता पीयू की कुलपति प्रो. रेणु विग ने की। अपने प्रेरक संबोधन में माननीय न्यायमूर्ति विनोद भारद्वाज ने युवा कानूनी दिमागों से बातचीत की और भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर उनके दृष्टिकोण के बारे में पूछा। कानूनी कार्यक्रम का नेतृत्व संयोजक सुश्री कृतिका वालिया और सह-संयोजक श्री तेज प्रताप सिंह गिल और सुश्री संदली ने किया। 
धन्यवाद ज्ञापन आदरणीय प्रोफेसर डॉ. चंचल नारंग ने किया। यह कार्यक्रम न केवल कानूनी कौशल का उत्सव था, बल्कि छात्रों के लिए क्षेत्र के विशेषज्ञों से जुड़ने, उनके विशाल अनुभव से सीखने और एक अनुकरणीय मंच से बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का अवसर भी था, जिसने छात्रों को वास्तविक दुनिया के कानूनी परिदृश्यों में अपने व्यावहारिक कौशल को निखारने का मौका दिया।