
1981-85 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच के पूर्व छात्रों ने PEC में ₹30 लाख की छात्रवृत्ति शुरू की
चंडीगढ़: 25 दिसंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने एक समझौता ज्ञापन (एम ओ यू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 1985 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच के प्रतिनिधियों, इंजीनियर दिनेश महाजन और इंजीनियर जतिंदर चावला के साथ हुआ। इस समझौते के तहत, "समस्थ 1981-85 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच स्कॉलरशिप" के रूप में 30 लाख रुपये का योगदान दिया गया है।
चंडीगढ़: 25 दिसंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने एक समझौता ज्ञापन (एम ओ यू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 1985 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच के प्रतिनिधियों, इंजीनियर दिनेश महाजन और इंजीनियर जतिंदर चावला के साथ हुआ। इस समझौते के तहत, "समस्थ 1981-85 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच स्कॉलरशिप" के रूप में 30 लाख रुपये का योगदान दिया गया है।
24 दिसंबर 2024 को हुए इस समझौते पर पीईसी के निदेशक प्रोफेसर राजेश कुमार भाटिया, प्रोफेसर राजेश कांडा (हेड, एलुमनाई, कॉरपोरेट और इंटरनेशनल रिलेशंस), डॉ. जिम्मी करलूपिया (प्रोफेसर-इन-चार्ज, एल्युमनाई, कॉरपोरेट और इंटरनेशनल रिलेशंस), और सुश्री रजिंदर कौर (मैनेजर, एसीआईआर) की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। यह स्कॉलरशिप हर साल एक मेधावी छात्र की ट्यूशन फीस (₹1,76,000) को कवर करेगी। 2025 बैच के छात्रों में से पात्र छात्र चुने जाएंगे, और पहली स्कॉलरशिप अप्रैल 2026 में प्रदान की जाएगी। इस पहल में पूरे 1981-85 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच ने योगदान दिया है, जो उनके कॉलेज के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
प्रोफेसर राजेश कुमार भाटिया ने इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और इसे पीईसी और उसके पूर्व छात्रों के बीच मजबूत संबंध का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और छात्रों के लिए नए अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रोफेसर राजेश कांडा, जो स्वयं पीईसी के पूर्व छात्र हैं, ने पूर्व छात्रों की उदारता और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, कि इस तरह की पहल न केवल छात्रों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पूरे पीईसी समुदाय को भी सशक्त बनाती है।
इंजीनियर दिनेश महाजन और इंजीनियर जतिंदर चावला ने अपने पीईसी के दिनों को याद करते हुए कहा, कि यह उनके लिए अपने कॉलेज को धन्यवाद कहने का एक छोटा-सा प्रयास है। उन्होंने पीईसी के मिशन का समर्थन करने और छात्रों की सफलता को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
यह पहल पीईसी और उसके पूर्व छात्रों के बीच स्थायी संबंध का प्रतीक है और भविष्य में शैक्षणिक नवाचार और संस्थागत विकास के लिए सहयोग का मार्ग प्रशस्त करती है।
