जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षित एवं प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने की अपील

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 30 अक्टूबर, 2024: जिला प्रशासन साहिबजादा अजीत सिंह नगर ने जिले के निवासियों से सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने के लिए तेज आवाज वाले और धुएं वाले पटाखों और आतिशबाजी से बचने की अपील की है। उपायुक्त सुश्री आशिका जैन ने जिलावासियों को दिवाली, बंदी-छोड़ दिवस और विश्वकर्मा दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि दिवाली खुशियों और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा त्योहार है और पूरे देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 30 अक्टूबर, 2024: जिला प्रशासन साहिबजादा अजीत सिंह नगर ने जिले के निवासियों से सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने के लिए तेज आवाज वाले और धुएं वाले पटाखों और आतिशबाजी से बचने की अपील की है।
      उपायुक्त सुश्री आशिका जैन ने जिलावासियों को दिवाली, बंदी-छोड़ दिवस और विश्वकर्मा दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि दिवाली खुशियों और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा त्योहार है और पूरे देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन वर्तमान समय में इसे केवल पटाखों से जोड़कर देखने से मानव जीवन और पर्यावरण संरक्षण को भी खतरा होने लगा है, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पटाखों के उपयोग पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसमें कम शोर वाले और विशेष रसायनों के बिना पटाखों के उपयोग पर विस्तृत निर्देश भी जारी किए गए हैं।
       उन्होंने जिले के सभी निवासियों से इन निर्देशों के आलोक में त्योहार की खुशियां मनाने की अपील की है और कहा है कि इन निर्देशों के अनुसार लड़ी वाले पटाखों (सीरीज पटाखे या लॉरी) का निर्माण, स्टॉक, वितरण, बिक्री और उपयोग पूरे राज्य में बैन रहेगा। केवल हरे पटाखों (ऐसे पटाखे जिनमें बेरियम नमक या एंटीमनी, लिथियम, पारा, आर्सेनिक, सीसा या स्ट्रोंटियम क्रोमेट का मिश्रण नहीं होता है) को बिक्री और उपयोग की अनुमति दी जाएगी। कोई भी लाइसेंसधारी किसी भी ऐसे पटाखे का भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री नहीं करेगा, जिसका डेसीबल स्तर अनुमेय सीमा के भीतर नहीं है।
        इन निर्देशों के अनुसार दिवाली के दिन 31 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे/पटाखे चलाने की अनुमति होगी।
       गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के दिन 15 नवंबर को सुबह 4 बजे से 5 बजे तक और रात 9 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे/पटाखे चलाने की अनुमति होगी।
      क्रिसमस के दिन 25 और 26 दिसंबर को रात 11:55 बजे से प्रात: 12:30 बजे तक ही पटाखे जलाने की अनुमति होगी।
      नये वर्ष के प्रारम्भ से 31 दिसम्बर 2024 से 01 जनवरी 2025 तक रात्रि 11:55 बजे से प्रात: 12:30 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति होगी।
       उन्होंने आगे बताया कि सुरक्षित दिवाली मनाने के लिए जहां स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष एडवाइजरी जारी की गई है, वहीं दिवाली के दिन पटाखों से होने वाली किसी भी दुर्घटना से निपटने के लिए आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
      सिविल सर्जन डॉ. रेनू सिंह ने कहा कि आज जिस तरह से पर्यावरण में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए पटाखे जलाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटाखे जलाने से मौसम खराब होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है
      सुरक्षित दिवाली मनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉ. रेनू सिंह ने कहा कि अगर पटाखे चलाने हैं तो सावधानी बरतनी चाहिए। आंखों का विशेष ख्याल रखना जरूरी है और आसान पहुंच के भीतर पानी की बाल्टी और मिट्टी की थैलियां भी रखनी चाहिए। इसके अलावा छोटे बच्चों को आतिशबाजी से दूर रखना चाहिए और बच्चों के साथ माता-पिता को भी मौजूद रहना चाहिए। पटाखे चलाते समय रेशमी और ढीले कपड़े नहीं पहनने चाहिए बल्कि सूती कपड़े पहनने चाहिए। पटाखे कभी भी हाथ से नहीं चलाने चाहिए और बिना चलाए पटाखे दोबारा चलाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
       उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग सुरक्षित एवं पर्यावरण अनुकूल दिवाली के लिए प्रतिबद्ध है। दिवाली के दौरान जिले के सभी प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में दिन-रात जहां आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहेंगी, वहीं किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि दिवाली आपसी प्रेम, खुशी और एकजुटता का प्रतीक है, इसलिए सभी को इस त्योहार को समान भावना से मनाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहरवासी को दीपावली के दिन अपने घर या आसपास कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।