
संपूर्ण IEAT शिक्षक संघ ने पंजाब सरकार से मांग की है कि हमारी पिछली और वर्तमान दोनों शैक्षणिक योग्यताओं को ध्यान में रखा जाए और हमें हमारा उचित हक़ दिया जाए।
मोहाली, 5 अक्टूबर 2024- ऑल आईईएटी टीचर्स एसोसिएशन की संयोजक परमजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि हम किसी भी एमए बीएड वाले को चपरासी नहीं बनने देंगे। हम उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार पद देंगे.' लेकिन हमें धोखा दिया गया हम पढ़े-लिखे थे फिर भी हमसे 25 बार उच्च शैक्षणिक योग्यता की डिग्रियाँ छीनकर भी हमें चपरासी बनाकर रखा गया। परमजीत कौर ने सरकार से सवाल किया कि वह किस देश के संविधान का पालन कर रही है?
मोहाली, 5 अक्टूबर 2024- ऑल आईईएटी टीचर्स एसोसिएशन की संयोजक परमजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि हम किसी भी एमए बीएड वाले को चपरासी नहीं बनने देंगे। हम उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार पद देंगे.' लेकिन हमें धोखा दिया गया हम पढ़े-लिखे थे फिर भी हमसे 25 बार उच्च शैक्षणिक योग्यता की डिग्रियाँ छीनकर भी हमें चपरासी बनाकर रखा गया। परमजीत कौर ने सरकार से सवाल किया कि वह किस देश के संविधान का पालन कर रही है?
ऑल आईईएटी शिक्षक संगठन के नेताओं ने एक मांग पत्र जारी करते हुए कहा कि, हम सभी आईईएटी शिक्षक 15 वर्ष से लेकर अब तक समावेशी शिक्षा के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से बारहवीं तक के मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को लगातार पढ़ा रहे हैं। हमारा कर्तव्य सामान्य शिक्षकों से अधिक लम्बा एवं कठिन है। लेकिन फिर भी हम इन चुने हुए भगवान स्वरूप बच्चों को पढ़ाकर उनका भविष्य उज्ज्वल करने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं।
लेकिन 28 जुलाई 2023 को जब सभी श्रेणियों (एआईई, ईजीएस, एसटीआर, ईपीयू) को उनकी वर्तमान और पिछली शैक्षणिक योग्यता के अनुसार उचित अधिकार दिया गया और ग्रुप-सी में रखा गया। हम IEET शिक्षकों को बिना किसी जांच के ग्रुप-डी में डाल दिया गया और हमारी उच्च शैक्षणिक योग्यता को नजरअंदाज कर दिया गया. हमें केवल +2 आधार बताकर हमारा अपमान किया जा रहा है और +2 बेस पे के साथ ग्रुप-डी में रखकर मानसिक रूप से बीमार बनाया जा रहा है।
जबकि हम न तो भर्ती के समय 12वीं पास थे और न ही आज, हम एनटीटी, ईटीटी, बीएड स्पेशल, बीएड, डबल टेट क्लियर शिक्षक हैं, भर्ती के समय हमारी शैक्षणिक योग्यता कम से कम 12वीं थी, 12वीं आधार भर्ती नहीं। वर्ष 2008-2009 के दौरान उच्च शैक्षणिक योग्यता रखने वालों का चयन भी शुद्ध योग्यता के आधार पर किया गया। इसलिए, हमारी मुख्य मांग यह है कि हमारी पिछली और वर्तमान शैक्षणिक योग्यता दोनों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और हमें हमारा उचित अधिकार दिया जाना चाहिए।
