राज लाली गिल ने नाभा जिला जेल में 32 लड़कियों से मुलाकात की

नाभा/पटियाला, 1 अक्टूबर - पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने आज नाभा की नई जिला जेल का दौरा किया और यहां बंद पड़े इमिग्रेशन और कॉल सेंटर में काम करने वाली 32 लड़कियों से मुलाकात की और अन्य महिला कैदियों की मुश्किलें सुनीं। इस दौरान चेयरपर्सन राज लाली गिल ने जेल प्रशासन से जेल में महिला कैदियों और उनके साथ रहने वाले बच्चों की संख्या, उन्हें होने वाली कठिनाइयों और जेल मैनुअल के अनुसार दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।

नाभा/पटियाला, 1 अक्टूबर - पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने आज नाभा की नई जिला जेल का दौरा किया और यहां बंद पड़े इमिग्रेशन और कॉल सेंटर में काम करने वाली 32 लड़कियों से मुलाकात की और अन्य महिला कैदियों की मुश्किलें सुनीं। इस दौरान चेयरपर्सन राज लाली गिल ने जेल प्रशासन से जेल में महिला कैदियों और उनके साथ रहने वाले बच्चों की संख्या, उन्हें होने वाली कठिनाइयों और जेल मैनुअल के अनुसार दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।
उन्होंने जेल प्रशासन को सभी महिला बंदियों को नियमानुसार उचित सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा किसी भी महिला बंदी को कोई परेशानी न होने देने के निर्देश दिये। बाद में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में राज लाली गिल ने कहा कि ये 32 लड़कियां पहले रोपड़ जेल में कैद थीं, लेकिन वहां दौरे के दौरान उनकी मुश्किलें उनके ध्यान में आईं और जिसके बाद उन्हें नाभा जेल में ट्रांसफर कर दिया गया उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि ये लड़कियां अज्ञानी थीं और केवल नौकरी और वेतन के लालच में फंसी हुई लग रही थीं, लेकिन आयोग इन लड़कियों की मदद के लिए अपनी भूमिका निभाएगा.
महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि सभी लड़कियां मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, उत्तराखंड, असम, मुंबई, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब आदि राज्यों की हैं, जो कॉल सेंटर और इमीग्रेशन सेंटर में काम करती थीं. लेकिन पिछले दिनों पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान उनकी कंपनियां फर्जी पाई गईं और वे पुलिस के हत्थे भी चढ़ गए. उन्होंने कहा कि उनकी गलती यह थी कि उन्होंने कंपनी से न तो कोई नियुक्ति पत्र लिया और न ही कोई जॉब कार्ड.
चेयरपर्सन ने बताया कि पुलिस ने करीब 150 लड़के-लड़कियों को गिरफ्तार किया था, इनमें से 32 में से 13 लड़कियों को जमानत मिल चुकी है और 6 को रिहा कर दिया गया है. राज लाली गिल ने सलाह दी कि जो लड़के या लड़कियां कॉल सेंटर या इमिग्रेशन सेंटर में काम करना चाहते हैं उन्हें अपनी नियुक्ति से पहले कंपनी की जांच कर लेनी चाहिए ताकि उनके साथ कोई धोखाधड़ी न हो सके।