बच्चों को बाल अधिकार एवं पोक्सो एक्ट के बारे में जागरूक किया गया

नवांशहर- शहीद भगत सिंह नगर जिले में जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरूप सिंह से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों और स्कूल स्टाफ को बाल अधिकारों और पोक्सो अधिनियम के बारे में जागरूक करने के लिए आज जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा के नेतृत्व में सरकारी प्राथमिक विद्यालय झिंगरन, नवांशहर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

नवांशहर- शहीद भगत सिंह नगर जिले में जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरूप सिंह से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों और स्कूल स्टाफ को बाल अधिकारों और पोक्सो अधिनियम के बारे में जागरूक करने के लिए आज जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा के नेतृत्व में सरकारी प्राथमिक विद्यालय झिंगरन, नवांशहर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 
इस दौरान बाल संरक्षण अधिकारी (आईसी) गौरव शर्मा ने पोक्सो एक्ट व बाल अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लड़के-लड़कियों के सर्वांगीण विकास के लिए सुरक्षित माहौल होना जरूरी है, जिसके निर्माण के लिए सरकार ने बच्चों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिए पोक्सो एक्ट लागू किया है, ताकि शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों को किसी भी तरह के शोषण का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों के साथ कोई भी दुव्र्यवहार करने वाले व्यक्ति को सख्त सजा का प्रावधान है। 
उन्होंने स्कूल अध्यापकों से कहा कि वे बच्चों के साथ इस संवेदनशील विषय पर खुलकर चर्चा करें, ताकि बच्चों को अच्छे व बुरे व्यवहार के बारे में पता चल सके। गौरव शर्मा ने बच्चों को गुड टच व बैड टच के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यदि किसी भी बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार होता है तो वह अपने माता-पिता या अपने अध्यापक को इस बारे में निसंकोच बता सकता है ताकि दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस विभाग की मदद से पोक्सो एक्ट के तहत उचित कार्रवाई की जा सके।
 इसके अलावा बाल संरक्षण इकाई के तहत आउटरीच वर्कर के पद पर तैनात कांता ने बच्चों को उनको दी जाने वाली स्पॉन्सरशिप व फोस्टर केयर स्कीम के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत जरूरतमंद व असहाय बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ एक परिवार के दो बच्चे, कोई भी विधवा, तलाकशुदा महिला या सिंगल पैरेंट उठा सकते हैं तथा ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता किसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित हैं या बच्चों के माता-पिता में से कोई एक जेल में है, ऐसे बच्चे स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत आते हैं। 
अगर कोई जरूरतमंद व असहाय बच्चा इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो वह जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स, तीसरी मंजिल, कमरा नंबर 413 में संपर्क कर सकता है। इसके अलावा बच्चों को चाइल्ड लाइन नंबर 1098 के बारे में भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को जलपान भी परोसा गया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ-साथ स्कूल स्टाफ सदस्य भी मौजूद थे।