
पुराने वाहनों में ईंधन भरने पर प्रतिबंध, 'मध्यम वर्ग पर हमला': सिसोदिया
नई दिल्ली, 3 जुलाई- आप नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में पुराने वाहनों में ईंधन भरने पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध को मध्यम वर्ग पर एक और हमला करार दिया। हालांकि, भाजपा ने इसे प्रदूषण नियंत्रण के अपने चल रहे प्रयासों में एक आवश्यक कदम बताया।
नई दिल्ली, 3 जुलाई- आप नेता मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में पुराने वाहनों में ईंधन भरने पर हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध को मध्यम वर्ग पर एक और हमला करार दिया। हालांकि, भाजपा ने इसे प्रदूषण नियंत्रण के अपने चल रहे प्रयासों में एक आवश्यक कदम बताया।
यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिसोदिया ने कहा, "भाजपा सरकार ने दिल्ली की सड़कों से 61 लाख वाहनों को हटाने का क्रूर आदेश जारी किया है। यह शासन नहीं है; यह 'फुलेरा की पंचायत' है। जिन परिवारों ने अपने वाहनों की अच्छी देखभाल की है, उन्हें अब दंडित किया जा रहा है।" यहां तक कि 10,000 किलोमीटर से कम चलने वाले वाहनों को भी अयोग्य घोषित किया जा रहा है।
1 जुलाई से लागू होने वाले इन आदेशों में 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों में दिल्ली में ईंधन भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों (ईएलवी) पर कार्रवाई का हिस्सा है। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर चार पहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये और दो पहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जिसमें जब्ती और टोइंग लागत शामिल हो सकती है।
नीति के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए सिसोदिया ने पूछा, "इससे किसे फायदा होगा? वाहन निर्माता, स्क्रैप डीलर और नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियों को। क्या यह संयोग है कि यह आदेश टैक्सी किराया बढ़ाने की अनुमति दिए जाने से ठीक पहले आया है?"
उन्होंने भाजपा पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा, "उन्होंने रातोंरात अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेशों को पलट दिया। अब वे कहते हैं कि वे दिल्ली के 61 लाख परिवारों की मदद नहीं कर सकते?"
