
विश्व पंजाबी सभा ने टोरंटो में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पंजाबी सम्मेलन शुरू किया।
ब्रैम्पटन, 21 जून - पंजाबी भाषा, साहित्य, संस्कृति और एकजुटता को और मजबूत, संवर्धित और आकार देने के उद्देश्य से विश्व पंजाबी सभा कनाडा द्वारा छठा अंतरराष्ट्रीय पंजाबी सम्मेलन आज कनाडा के ब्रैम्पटन (टोरंटो) शहर में विश्व पंजाबी भवन में बड़े उत्साह के साथ शुरू हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन सुबेग सिंह कथूरिया ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार विभिन्न शबद गायन के साथ किया।
ब्रैम्पटन, 21 जून - पंजाबी भाषा, साहित्य, संस्कृति और एकजुटता को और मजबूत, संवर्धित और आकार देने के उद्देश्य से विश्व पंजाबी सभा कनाडा द्वारा छठा अंतरराष्ट्रीय पंजाबी सम्मेलन आज कनाडा के ब्रैम्पटन (टोरंटो) शहर में विश्व पंजाबी भवन में बड़े उत्साह के साथ शुरू हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन सुबेग सिंह कथूरिया ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार विभिन्न शबद गायन के साथ किया।
विश्व पंजाबी सभा कनाडा के अध्यक्ष डॉ. दलबीर सिंह कथूरिया के नेतृत्व में शुरू हुए सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए शिरोमणि पंजाबी लेखक डॉ. वरयाम सिंह संधू ने कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन करके सभा ने पूरी दुनिया को मातृभाषा पंजाबी के विकास के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि हमें यह यात्रा अपने घरों से शुरू करनी होगी।
डॉ. संधू ने श्रोताओं, लेखकों और पंजाबी भाषा प्रेमियों को अपने घरों से इस प्रयास की शुरुआत करने का संकल्प भी दिलाया। उन्होंने कहा कि हम गुरु नानक देव जी के संदेश को फैलाने में ही बहुत कष्ट सह रहे हैं।
इससे पहले डॉ. दलबीर सिंह कथूरिया, शिरोमणि पंजाबी लेखक डॉ. वरयाम सिंह संधू, पंजाब यूनिवर्सिटी की पूर्व डीन डॉ. जसपाल कौर कंग, गुरु काशी यूनिवर्सिटी तलवंडी साबो के चांसलर डॉ. गुरलाभ सिंह, डॉ. परगट सिंह बग्गा, इंद्रजीत सिंह बल, डॉ. बलविंदर सिंह धालीवाल, डॉ. अमरजीत काउंके, रूप काहलों और चढ़दीकला टाइम टीवी दिल्ली के डायरेक्टर अमृतपाल सिंह ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया।
समारोह का स्वागत भाषण विश्व पंजाबी सभा के संरक्षक इंद्रजीत सिंह बल ने पढ़ा। गुरलाभ सिंह ने उद्घाटन भाषण दिया। मुख्य भाषण के दौरान डॉ. जसपाल कौर कंग ने गुरु की इच्छा के अनुसार समाज बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। रिंटू भाटिया ने भी शबद गायन से श्रोताओं को आनंदित किया। पंजाबी पत्रकार सरबजीत सिंह भंगू ने सभा के प्रयासों की सराहना की और कहा कि पंजाबी भाषा के विकास के लिए दुनिया भर में इस तरह के सम्मेलनों और संगठनात्मक प्रयासों की सख्त जरूरत है। डॉ. परगट सिंह बग्गा ने आभार व्यक्त किया।
प्रो. जगीर सिंह काहलों, डॉ. गुरप्रीत कौर और डॉ. अमरदीप बिंद्रा ने मंच संचालक की भूमिका बखूबी निभाई। सम्मेलन में प्रख्यात लेखक प्रिंसिपल सरवन सिंह, पूर्व विधायक एवं प्रसिद्ध पत्रकार कंवर संधू, बिट्टू संधू, जसविंदर सिंह रूपल, पूरन सिंह पांधी, राजवंत कौर संधू, डॉ. जगीर सिंह नूर, सुरिंदर प्रीत घनिया, कंवलजीत सिंह लक्की, दलबीर सिंह रियार, पाकिस्तानी लेखिका ताहिरा सरा, लोक गायक हसनैन अकबर, कवियित्री सुरजीत कौर, प्रो. कुलजीत कौर, डॉ. नवजोत कौर और कई अन्य लेखक मौजूद थे। डॉ. कथूरिया ने कहा कि पंजाबी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि यह प्यार, भाईचारे और दुनिया को रिश्तों से जोड़ने की भाषा है।
इसकी जड़ों में, इसकी रगों में, इसके सीने में, इसकी धड़कनों में रूहानियत के बीज हैं और आज जब दुनिया के कई देश आपसी तनाव में हैं और अपनी संप्रभुता को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे समय में विश्व पंजाबी सभा कनाडा की भूमिका और योगदान और भी बढ़ जाता है। उल्लेखनीय है कि सम्मेलन का समापन समारोह 22 जून को होगा।
